सोशल मीडिया व पोर्टल पर भ्रामक समाचार चलाने वाले अन्य लोग अभी बचे हुए
लखनऊ. फेक न्यूज़ इंडस्ट्री चलाने वाले कोरोना महामारी के दौरान भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे. अयोध्या में एक साधु की मृत्यु पर फेक न्यूज़ इंडस्ट्री के कर्ताधर्ता सक्रिय हो गए और खबर यह फैलाई कि साधु की भूख से मृत्यु हुई है. कुछ ने तो यहां तक लिख दिया कि साधु का पार्थिव देह का संस्कार भी नहीं किया गया, लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो फेक न्यूज़ चलाने तथा भ्रम फैलाने का आरोप में अयोध्या जनपद कोतवाली में एक वेबसाइट के संचालक और रिपोर्टर पर एफआईआर दर्ज की गई. हालांकि, सोशल मीडिया व अन्य पोर्टल पर भ्रामक समाचार चलाने वाले कुछ लोग अभी पुलिस कार्रवाई से बचे हुए हैं.
सुफैल अहमद ने अपने समाचार पोर्टल पर यह भ्रामक खबर चलाई कि भोजन न मिलने के कारण साधु विष्णुदास की मौत हो गई. इस भ्रामक खबर का लिंक व्हाट्स-ऐप ग्रुप और फेसबुक पर भी वायरल किया गया. इस झूठी खबर से आहत सुखदेव गिरी ने तहरीर दी कि “29 अप्रैल को सुबह दस बजे के करीब 80 वर्षीय साधु विष्णुदास की स्वाभाविक मृत्यु हो गई.
रीति-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया गया. रही बात भोजन की तो हम लोगों के यहां दिन भर में कई बार भोजन दिया जाता है. ऐसे में यह कहना पूरी तरह निराधार है कि भोजन के अभाव में साधु विष्णुदास जी की मृत्यु हुई है. यह संज्ञान में आया है कि समाचार पोर्टल के संचालक सुफैल अहमद एवं रिपोर्टर ने भ्रामक खबर चलाकर साधु समाज को अपमानित करने का प्रयास किया है. ऐसे में इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
अंतिम क्रिया में शामिल साधु सोमनाथ ने भी यही बताया कि वो काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और दवा भी नहीं खा रहे थे. उनका कहना है कि भूख के कारण मृत्यु नहीं हुई, अपने रोगों (बीमारी) के कारण मृत्यु हुई. बीमारी के दौरान एंबुलेंस भी आई, पर वो उस पर भी जाने को राजी नहीं हुए. मंगलवार के दिन बारिश हुई, जिसमें वो भीग गए, जिससे उनकी मृत्यु हो गई.
अयोध्या पुलिस ने सुखदेव गिरी की तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज कर ऐसे सभी लोगों को आगाह किया है कि कोई भी भ्रामक और फेक न्यूज़ न चलाएं, अन्यथा विधिक कार्रवाई की जाएगी.