रुद्रप्रयाग(विसंके). केदारनाथ को बसाने के लिये सरकार ने अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन किया है. राज्य सरकार मंदाकिनी व सरस्वती के बीच केदारनाथ मंदिर वाले क्षेत्र में स्थित दो हेक्टेयर भूमि में नई केदारपुरी बसायेगी, जहां पर पहले मंदिर के आस-पास दौ सौ मीटर दायरे मे कोई भी निर्माण न होने की बात कही जा रही थी, वहीं अब सरकार मंदिर क्षेत्र में ढाई सौ मीटर लंबे व डेढ़ सौ मीटर चौड़े क्षेत्र की दो हेक्टेयर भूमि में ही नई केदारपुरी को बसाने की बात कह रही है.
हालांकि केदारपुरी को बसाने के लिये जो नक्शा होगा, उसमें मंदिर से ढाई सौ मीटर सीधा आगे पुल तक बीस मीटर चौड़े क्षेत्र में कोई भी निर्माण नहीं होगा. इस मौके पर राकेश शर्मा ने कहा कि मंदाकिनी व सरस्वती नदी के बीच के हिस्से में मंदिर भी हैं. यहां पर 110 नाली भूमि उपलब्ध है. इस भूमि पर नई केदारपुरी को बसाया जायेगा.
उन्होंने बताया कि आपदा से पहले केदारनाथ में 330 भवन थे, जिनमें 735 परिवार हक्क हकूकधारी थे. इन सभी को इस भूमि पर बसाया जायेगा. जो बच जायेंगे उन्हें केदारनाथ बेस कैंप या इसके आस पास सहमति के आधार पर बसाया जायेगा. आपदा में बचे सुरक्षित भवनों पर उन्होंने कहा कि इसकी रिपोर्ट मंगाई जायेगी. यदि भवन सुरक्षित स्थिति में होंगे तो उन्हें नहीं हटाया जायेगा. एसीएस ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार तीर्थपुरोहितों की सहमति के आधार पर नई केदारपुरी बसाई जायेगी और नवंबर माह से पुनर्निर्माण का कार्य भी शुरू हो जायेगा.