चित्रकूट. भारत रत्न नानाजी देशमुख के निर्वाण के 12 वर्ष पूर्ण होने पर उनकी पुण्यतिथि पर “राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिदृश्य में नानाजी की दृष्टि में राष्ट्र निर्माण” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन दीनदयाल परिसर चित्रकूट में किया जा रहा है.
दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि नानाजी का शिक्षा पर विशेष जोर रहा है, चित्रकूट का ग्रामोदय विश्वविद्यालय उनकी अनुपम कृति में से एक है. इसलिए उनकी 12वीं पुण्यतिथि पर नानाजी के शिक्षा पर विचार एवं ग्राम स्वावलंबन में विश्वविद्यालयों की भूमिका को लेकर 26 एवं 27 फरवरी को विवेकानंद सभागार, दीनदयाल परिसर चित्रकूट में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा. जिसमें 12 राज्यों से 33 विश्वविद्यालयों और सामाजिक संस्थाओं की भागीदारी रहेगी. इसके अलावा देशभर से प्रमुख विषय विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया है.
नानाजी ने गांव के विकास में जनता की पहल और सहभागिता को ही अपना ध्येय माना, इसलिए पिछले 11 वर्षों से उनकी पुण्यतिथि का कार्यक्रम जन सहभागिता से ही संपन्न होता आ रहा है. नानाजी की पुण्यतिथि के अवसर पर प्रत्येक वर्ष ग्रामीण जनों को कृषि, पशु पालन, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार, विवाद मुक्त ग्राम और अन्य क्षेत्रों की विविध योजनाओं एवं प्रगति की जानकारी देने हेतु कार्यक्रम आयोजित होते हैं. इसीलिए उनकी 12वीं पुण्यतिथि का कार्यक्रम भी जन सहभागिता से ही संपन्न होगा.
26 फरवरी को एक तरफ अखंड मानस पाठ प्रारंभ होगा, वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ होगा और 27 फरवरी को हवन पूजन के बाद सेमिनार के समापन के साथ नानाजी उत्कृष्ट कृषक अवार्ड सम्मान समारोह व विशाल भंडारा के साथ दीनदयाल परिसर चित्रकूट में श्रद्धांजलि का कार्यक्रम रहेगा.
कृषि एवं स्वाबलंबन के साथ इलेक्ट्रिक चाक रहा प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र
अमृत महोत्सव अंतर्गत भारत रत्न राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को दीनदयाल परिसर चित्रकूट में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. जिसमें देशभर के प्रमुख क्रांतिकारियों सहित स्थानीय क्रांतिवीरों को रेखांकित किया गया है. प्रदर्शनी का शुभारंभ भारत सरकार के जल शक्ति राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल सहित अन्य गणमान्यजनों ने भारत माता व नानाजी देशमुख के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन कर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया.
दीनदयाल शोध संस्थान के महाप्रबंधक अमिताभ वशिष्ठ एवं उप महाप्रबंधक डॉ. अनिल जायसवाल ने बताया कि प्रदर्शनी के माध्यम से औद्योगिक विकास के नवीनतम क्षेत्रों में जिला वार कृषि विस्तार करके कर्मियों के ज्ञान को बढ़ाने के लिए उन्हें प्रशिक्षण देने के साथ-साथ उन्नतशील बीजों के उत्पादन तथा बीज ग्राम कार्यक्रम के माध्यम से किसानों के खेतों पर उत्पादन एवं आय वृद्धि हेतु अन्य कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान करना, स्थान विशेष के लिए नई तकनीक, बीज एवं रोपण सामग्री का किसानों के खेत पर परीक्षण, पशुपालन एवं अन्य कृषि आधारित उद्योगों की उत्पादन क्षमता के प्रदर्शन का आयोजन करना. इसके अलावा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध औषधियों के माध्यम से आजीवन स्वास्थ्य सम्वर्धन की दृष्टि से रसशाला द्वारा उत्पादों का प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनी में कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां, नौगांव ,पन्ना, टीकमगढ़, रीवा के साथ-साथ सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट जानकी कुण्ड, जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, खादी ग्राम उद्योग विभाग सीधी, ए के एस विश्वविद्यालय सतना, आरोग्यधाम, रसशाला, उद्यमिता विद्यापीठ तथा कौशल विकास उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित जन शिक्षण संस्थान द्वारा अपनी अपनी प्रदर्शनी के स्टॉल लगाकर लोगों को अपने जीवन में अपनाने हेतु प्रेरित किया.