बांग्लादेश में हिन्दू मंदिरों पर इस्लामिक कट्टरपंथियों के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे. शुक्रवार को भी कुछ अराजक तत्वों ने काली माता मंदिर में घुसकर प्रतिमाओं को पूरी तरह से खंडित कर दिया. रिपोर्ट्स के अनुसार, काली माता का यह मंदिर ब्रिटिश काल में बनाया गया था. घटना बांग्लादेश के झेनैदाह ज़िले के दौतिया गाँव की है. यहाँ कुछ इस्लामिक काटरपंथियों ने माता मंदिर में प्रवेश कर काली माता की प्रतिमा को खंडित कर पूरी तरह से क्षत-विक्षत कर दिया.
आरोपियों ने प्रतिमा का सिर मंदिर परिसर से लगभग आधा किलोमीटर दूर फेंका और तोड़फोड़ को अंजाम दे फ़रार हो गए. मंदिर समिति के अध्यक्ष सुकुमार कुंडा ने बताया कि काली माता मंदिर में अंग्रेजों के जमाने से पूजा हो रही है. मंदिर में यह हमला रात 3 से 4 बजे के क़रीब हुआ है. मंदिर में किसी भी तरह की कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी, लिहाज़ा कट्टरपंथियों ने बिना किसी डर के मंदिर में घुसकर प्रतिमाओं को खंडित करने का काम किया.
फ़िलहाल इस मामले की सूचना पुलिस को दी गई है. पुलिस सूचना के आधार पर आरोपियों की पहचान करने में जुटी है. साथ ही आरोपियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन भी चलाया है. मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को लेकर स्थानीय हिन्दुओं में रोष है. लोग दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की माँग कर रहे हैं.
पिछले वर्ष भी दुर्गा पूजा के दौरान चांदपुर जिले में भीड़ ने हिन्दू मंदिर पर हमला कर दिया था. इस दौरान 3 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद बांग्लादेश हिन्दू यूनिटी काउंसिल ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से हिन्दुओं को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी.
16.5 करोड़ की आबादी वाले बांग्लादेश में 2011 की जनगणना के अनुसार हिन्दुओं की आबादी 8.5% है, जबकि यहां 90% से ज्यादा मुस्लिम आबादी है. बांग्लादेश में मुस्लिम और हिन्दू दोनों मुख्यत: बंगाली हैं, यानि भाषा और सांस्कृतिक रूप से उनमें समानता है. लेकिन धर्म की वजह से उनकी दूरियों का कट्टरपंथी फायदा उठाते हैं. बांग्लादेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 1980 के दशक में बांग्लादेश में हिन्दुओं की आबादी 13.5% थी. वहीं, 1947 में जब भारत, पाकिस्तान की आजादी के साथ बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान बना था, तो उस समय वहां हिन्दुओं की आबादी करीब 30% थी.
किंतु, 4 दशकों में बांग्लादेश में हिन्दुओं की आबादी 13.5% से घटकर 8.5% रह गई है. बांग्लादेशी सरकार के 2011 के जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, बीते एक दशक में हिन्दुओं की संख्या में तक़रीबन 10 लाख की कमी आई है. ढाका यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री और प्रोफेसर अब्दुल बरकत ने अपनी स्टडी में पाया कि पिछले कुछ सालों में सुरक्षा और आर्थिक वजहों से हर दिन करीब 750 हिन्दू बांग्लादेश से पलायन कर रहे हैं. इनमें से ज्यादातर हिन्दू भारत आने की कोशिश करते हैं.