करंट टॉपिक्स

झाबुआ – जल संरक्षण के लिए हलमा का आयोजन, चार घंटे में 35 हजार जल संरचनाओं का निर्माण

Spread the love

झाबुआ (विसंकें). हलमा यानि सामूहिक श्रमदान की समृद्ध परंपरा का अनूठा दृश्य झाबुआ में देखने को मिला. हाथीपावा की पहाड़ी पर भगीरथों ने चार घंटे में 35 हजार जल संरचनाएं बना दीं.

शिवगंगा झाबुआ के माध्यम से झाबुआ के हाथीपावा पहाड़ी पर गोपालपुरा हवाईपट्टी के समीप विशाल हलमा का आयोजन हुआ. जिसमें 1100 गांवों से लगभग 35000 ग्रामवासियों ने मिलकर 70 हजार जल संरचनाओं का निर्माण किया. इनके माध्यम से लगभग 40 करोड़ लीटर जल का संरक्षण होगा. 25-26 फरवरी को आयोजित दो-दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन “बन्दूक हमारी रक्षक तो गेंती हमारी पालक” का सन्देश देते हुए गेंती यात्रा और धर्मसभा का आयोजन हुआ.

कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और वे स्वयं भी कंधे पर गेंती लेकर ग्रामवासियों के साथ यात्रा में शामिल हुए. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान, जनजाति समाज के संत कालूराम जी महाराज एवं पद्मश्री महेश शर्मा ने उपस्थित जनों को संबोधित किया. जनसभा के पश्चात अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त बाबा मौर्य के अगुवाई में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ.

हलमा के दूसरे दिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कंधे पर गेंती लेकर कार्यक्रम में शामिल होने आए और वनवासियों के साथ गेंती से जमीन खोदकर हलमा में शामिल हुए.

हलमा की तैयारियां पिछले 4 महीनों से चल रही थी, जिसके दौरान शिवगंगा कार्यकर्ताओं ने 1500 गाँवों में लगभग 2 लाख परिवारों को हलमा के लिए निमंत्रण दिया. गांव-गांव निमंत्रण से लेकर हजारों लोगों के लिए कार्यक्रम स्थल पर व्यवस्था. आज हलमा इतना रूचि का विषय बन चुका है कि देशभर से 50 से अधिक छात्र इसे सीखने-समझने के लिए लगभग 2 महीनों से झाबुआ आए हुए थे. इसके साथ-साथ IIT, IIM सहित देशभर के 23 प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र हलमा में शामिल हुए.

गौरतलब है कि झाबुआ के भील जनजाति समाज की परम्परा हलमा के माध्यम से पिछले एक दशक में बहुत ही प्रभावी कार्य हुआ है. 91 तालाब सहित अनेक जल संरचनाओं के निर्माण से प्रतिवर्ष 900 करोड़ लीटर जल संरक्षण कर रहे हैं. शिवगंगा झाबुआ-अलिराजपुर के 1320 गाँवों के सहित आस-पास के राज्यों के जनजाति गाँवों में समग्र ग्राम विकास को लेकर पिछले 22 वर्षों से काम कर रही है. संस्थापक महेश जी शर्मा पद्मश्री से सम्मानित किये जा चुके हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *