नई दिल्ली. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आह्वान पर दिल्ली अध्यापक परिषद ने गत 25 जनवरी को कर्तव्य बोध दिवस मनाया.
प्रान्त संगठन मंत्री श्री राजेन्द्र गोयल जी ने संगठन का परिचय कराते हुए कहा कि दिल्ली अध्यापक परिषद तीन स्तरों पर कार्य करती है,पहला राष्ट्र निर्माण, दूसरा छात्रों का सर्वांगीण विकास और तीसरा शिक्षकों की समाज में प्रतिष्ठा बढाना. इन उद्देश्यों को लेकर सन 1971 से यह लगातार प्रयासरत है.
दिल्ली अध्यापक परिषद के अध्यक्ष श्री जय भगवान गोयल ने उपस्थित शिक्षकों को अपने दायित्व बोध के प्रति सजग रहने की प्रेरणा दी. उन्होंने महिला सशक्तीकरण पर विशेष जोर दिया. मुख्य अतिथि शिक्षाअधिकारी श्री अम्बोरेजी ने शिक्षक को सोशल इंजीनियर बताते हुए अपने कर्तव्य निर्वहन के लिये प्रेरित किया. शिक्षकों की समस्याओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यदि उन्हों पूर्ण सुविधायें मिलें तो शिक्षण की गुणवत्ता में निश्चित ही सुधार आयेगा, क्योंकि वे और अधिक शक्ति से कार्य कर सकेंगे.
डीपीएमआई के निदेशक श्री विनोद वछेती ने “पी राजू” के उदाहरण से बताया कि शिक्षक यदि पढ़ाते समय नैतिक मूल्यों को भी बतायें तो अपराध बहुत कम हो जायेंगे.कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र धामा (अध्यक्ष, राजकीय निकाय, दि.अ.प.) ने शिक्षकों के लिये किये गये कार्यों के बारे में बताया.