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शाश्वत सनातन के शत्रुओं को मिलेगा उत्तर – विनोद बंसल

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नई दिल्ली. हिन्दू धर्म संस्कृति, उसके जीवन मूल्यों, धर्म ग्रंथों और आध्यात्मिक परंपराओं के साथ सनातन के समूल नाश का, कुछ सनातन शत्रु, जो दिवास्वप्न देख रहे हैं, उन्हें समझना होगा कि मुगल, मिशनरी और अंग्रेज भी यह प्रयास करके विदा हो गए, पर सफल नहीं हुए. हिन्दू द्रोहियों को भारत की जनता समय पर करारा जवाब देगी. आर्यसमाज वेद मंदिर सीपी ब्लॉक पीतमपुरा के वार्षिकोत्सव पर विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि यह सनातन ही है जो अनवरत प्राण-घातक हमलों के बावजूद, न तो हिंसक होता है और न ही अपनी मर्यादा को छोड़ता है. किंतु, समय आने पर लोकतांत्रिक पद्धति से करारा जवाब देना भी जानता है.

उन्होंने कहा कि कोई हमारे सनातन को डेंगू, मलेरिया व कोरोना बताता है तो कोई एचआईवी और कुष्ठ रोग, कोई राम को नकारता है तो कोई हमारे धर्मग्रंथों पर ही कीचड़ उछालता है. कोई सनातन धर्म की उत्पत्ति व अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगाता है, कोई भगवा आतंकवाद जैसे झूठ गढ़ता है, कोई हिन्दू श्रद्धालुओं को लड़की छेड़ने वाला बताता है, कोई सनातनी प्रधानमंत्री की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से करता है तो कोई भगवान परशुराम जी को ‘आतंकवादी’ और ‘बलात्कारी’ बताता है. कोई गीता में जिहाद देखकर भगवान श्रीकृष्ण को जिहादी बताता है, कोई हिन्दू धर्म को धोखा बताता है तो कोई रामचरित मानस को नफरत का ग्रंथ बताता है. कोई हिन्दू देवी देवताओं के विरोध करने की सार्वजनिक शपथ दिलाता है तो कोई तिलक लगा कर घूमने वालों को भारत की गुलामी का कारण बताता है.

महत्वपूर्ण बात ये है कि इस प्रकार की मानसिकता रखने वाले लगभग सभी लोग या तो कांग्रेसी हैं या उसके सहयोगी दलों के नेता हैं. स्मरण रहे कि भारतीय संस्कृति के सर्वनाश पर उतारू गैंग को करारा जवाब जनता अपनी सनातन पद्धति से ही देगी.

उन्होंने कहा कि आज के यज्ञ और सत्संग के माध्यम से हमने इन कुबुद्धियों को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की है, उसके परिणाम भी शीघ्र मिलेंगे. ये लोग सनातन संस्कृति के पुनरोदय से भयभीत हैं.

चार दिवसीय वेद कथा का समापन करते हुऐ वैदिक प्रवक्ता व दर्शनाचार्या विमलेश बंसल आर्या ने कहा कि हमें वेदों की समझ और यज्ञ का प्रभाव जन-जन और घर-घर तक लेकर जाना है. वैदिक धर्म ही सत्य और सनातन है, जिसका प्रकाश उन लोगों तक भी लेकर जाना है. जहां-जहां अज्ञान रूपी अंधकार छाया हुआ है.

दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के महामंत्री विनय आर्य ने आह्वान किया कि हमारी इस सनातन संस्कृति को बच्चों और युवा पीढ़ी में ले जाना बहुत जरूरी है.

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