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संदेशखाली – महिला उत्पीड़न व जमीन हड़पने के मामलों की जांच भी सीबीआई करेगी

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कोलकत्ता. संदेशखाली मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को झटका दिया है. शाहजहां शेख की मुसीबल भी बढ़ने वाली है. उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुए अत्याचार पर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए महिलाओं के उत्पीड़न और जबरन जमीन हड़पने के आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया है. सीबीआई जांच का आदेश देते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पीठ स्वयं जांच की निगरानी करेगी.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उच्च न्यायालय ने मछली पालन के लिए कृषि भूमि को जल निकायों में कथित रूप से अवैध रूप से परिवर्तित करने पर व्यापक रिपोर्ट दाखिल करने से पहले सीबीआई को राजस्व रिकॉर्ड का गहन निरीक्षण करने और भूमि का भौतिक निरीक्षण करने का निर्देश दिया. सीबीआई को जमीन घोटाले के साथ महिलाओं से अत्याचार मामले में 2 मई तक रिपोर्ट जमा करने की डेडलाइन दी है.

शाहजहां शेख इस मामले से पहले भी एक मामले में घिरे हुए हैं. ईडी की टीम पश्चिम बंगाल में राशन घोटाले की जांच के सिलसिले में 5 जनवरी को टीएमसी नेता शाहजहां शेख को पकड़ने संदेशखाली पहुंची थी, तब उनके समर्थकों ने ईडी के अधिकारियों पर हमला कर दिया था. इस मामले की जांच पहले से ही सीबीआई कर रही है. शाहजहां शेख फरार हो गया था. इसके बाद 5 फरवरी को संदेशखाली गांव की महिलाओं ने शेख और उसके सहयोगियों पर यौन शोषण का आरोप लगाया और उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी.

संदेशखाली मामला

संदेशखाली में स्थानीय महिलाओं ने आरोप लगाए थे कि स्थानीय टीएमसी नेताओं ने जबरन उनकी जमीन पर कब्जा कर रखा है. कुछ महिलाओं ने टीएमसी नेताओं पर दुष्कर्म के गंभीर आरोप भी लगाए. संदेशखाली मामले का मुख्य आरोपी टीएमसी नेता शाहजहां शेख है. शाहजहां शेख ईडी टीम पर हमले का भी आरोपी है. साथ ही बंगाल के राशन घोटाले में भी उसका नाम है. मामले में राज्य पुलिस पर भी पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने के आरोप लगे हैं.

 

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