करंट टॉपिक्स

प्रयागराज महाकुम्भ 2025 – महाकुम्भ नगर में बनाए जा रहे पौराणिक तोरणद्वार

Spread the love

महाकुम्भ नगर।

तीर्थराज प्रयाग संपूर्ण विश्व के श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार है। प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुम्भ मेले की शुरुआत होने जा रही है। महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रकार के स्वागत द्वार बनाए जा रहे हैं। महाकुम्भ नगर में प्रवेश करते ही समुद्र मंथन के 14 रत्न सभी श्रद्धालुओं का वंदन करेंगे। जैसे ही आगे बढ़ेंगे, शिव शम्भू का विशाल डमरू दिखेगा। इसके साथ ही कच्छप, और नंदी द्वार से श्रद्धालु आगे बढ़ेंगे। महाकुम्भ नगर में 30 पौराणिक तोरण द्वार बनाए जा रहे हैं, जो श्रद्धालुओं को देवलोक की अनुभूति कराएंगे। तोरणद्वारों को बनाने के लिए प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से कारीगर आए हुए हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से महाकुम्भ को पहले के सभी कुम्भों से अधिक दिव्य और भव्य बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। विशेष यह कि महाकुम्भ की आभा देख लोगों को एक अलग तरह की दुनिया का अनुभव होगा। महाकुम्भ में प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं को देवलोक की दिव्य अनुभूति होगी। यहां 30 अलग-अलग पौराणिक महत्व के तोरण द्वार बनाए गए हैं।

महाकुम्भ नगर में श्रद्धालुओं को मनोहारी दृश्य दिखेगा। यहां की पौराणिकता आने वाले श्रद्धालुओं को दिव्यता से भर देगी। मेला क्षेत्र में प्रवेश करते ही 14 रत्न दिखेंगे, जिसमें ऐरावत, कामधेनु, घोड़ा, कौस्तुभ मणि, कल्पवृक्ष, रंभा अप्सरा, महालक्ष्मी, चंद्रमा, शारंग धनुष, शंख, धन्वंतरि, अमृत आदि शामिल हैं। इसके बाद नंदी द्वार और भोले भंडारी का विशालकाय डमरू नजर आएगा। जिसकी लंबाई 100 फीट और ऊंचाई लगभग 50 फीट से भी अधिक है।

इस महाआयोजन की ओर बढ़ते ही लोगों को यहां की दिव्यता का अनुभव होने लगेगा। महाकुम्भ नगर का पूरा क्षेत्र सकारात्मक ऊर्जा और मंत्रों के जाप से गुंजायमान होने लगा है। यहां की महिमा ऐसी है कि पहुंचने के बाद लोग सकारात्मक ऊर्जा में रच बस जाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *