राजसमंद।
संविधान अंगीकार के 75वें वर्ष पर प्रदर्शनी, स्वामी विवेकानंद जयंती पर नाट्य मंचन के साथ विश्व हिन्दी दिवस पर पुस्तक-परिचर्चा व प्रतियोगिताओं का पर्व मेवाड़ टॉक फेस्ट का तीसरा संस्करण राजसमंद में सम्पन्न हुआ। फेस्ट में भारतीयता की झलक देखने को मिली।
फेस्ट के पहले दिन पैनल डिस्कशन “क्रिटिकल थिंकिंग इन डिजिटल एज” में सोशल मीडिया एक्सपर्ट योगेश ने कहा कि वर्तमान समय में समाज के सोचने, समझने, व्यवहार करने पर सोशल मीडिया का बहुत प्रभाव है। सोशल मीडिया समाज में डिजिटल विभाजन पैदा हो रहा है, जिसके पीछे डीप स्टेट भी कार्य कर रहा है। चर्चा में फेक नैरेटिव, सही कंटेंट को पहचानने की बारीकियों के साथ इकोसिस्टम जैसे विषय आए। सकारात्मक कार्यों और समाज को जोड़ने के लिए भी सोशल मीडिया का अच्छा उपयोग है।
अमर बलिदानी कालीबाई भील को समर्पित शॉर्ट फिल्म वीरबाला का प्रदर्शन किया। निर्देशक शुभम, बाल कलाकार भूमिका भट्ट व अभिनेत्री परिधि भटनागर ने अनुभव युवाओं के साथ साझा किए। निर्देशक ने बताया कि अपने जीवन का बलिदान देने वाली 13 वर्षीय बालिका को शिक्षा की ज्योति जलाए रखने एवं अंग्रेजों का साहस के साथ विरोध करने के कारण स्मरण किया जाता है। सोशल मीडिया पर कंटेंट ‘समाज निर्माण’ के उद्देश्य से होना चाहिए।
क्रिएटिव वर्कशॉप
समानांतर सत्र में आयोजित कार्यशालाओं में आईआईएमसी की प्रो. संगीता प्रणवेन्द्र ने “क्रिएटिव राइटिंग” पर कार्यशाला ली। प्रतिभागियों को प्रतिदिन होने वाली घटनाओं को लिखने का तरीका सीखना चाहिए। पुस्तकों, कविता, कहानी, मूवी, लेख, पत्र-पत्रिकाओं को देखकर, सुनकर, पढ़कर मस्तिष्क में शब्दावली को बढ़ाना चाहिए। दूसरी कार्यशाला में रूचि श्रीमाली ने “आर्ट ऑफ रीडिंग” में कैसे पढ़ा जाए, पढ़ने में एकाग्रता कैसे लाई जाए, पुस्तकों का चयन कैसे किया जाए जैसी जिज्ञासाओं का समाधान किया। सत्र में युवाओं ने पुस्तकों के साथ जुड़ाव बनाए रखने की कला भी सिखी।
दूसरे पैनल डिस्कशन सत्र “शक्ति की अभिव्यक्ति” में समाज में महिलाओं की शक्ति को उजागर करने के लिए करणीय कार्यों पर प्रकाश डाला गया। उनकी समस्या, सुरक्षा, अधिकार और दायित्व पर चर्चा की गई। महिला और पुरुष समाज में एक दूसरे के पूरक हैं।
समाजशास्त्री ऋतु सारस्वत ने कहा कि भारतीय दर्शन में महिलाएं प्रथम सम्मानित रही हैं। विदेशी आक्रमण से भोग व दमन का कुंठित विचार आया। सत्र में शिवानी स्वर्णकार और विधि विशेषज्ञ ललित से रूचि ने चर्चा संचालन किया।
प्रेरक सत्र में जेएनयू प्रोफेसर राजेश जांगिड़ ने विद्यार्थियों को एकेडमिक एवं एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस को लेकर मार्गदर्शन दिया।
समापन सत्र “संदेश – विश्व पटल पर भारत” में रक्षा विशेषज्ञ अभिनव से वार्ता करते हुए कमलेश शर्मा ने सत्र का समन्वय किया।
पुस्तक मंडप में 3000 से अधिक पुस्तकें उपलब्ध रहीं। जिनमें 700 से अधिक टाइटल थे। कई प्रकाशकों की पुस्तकें उपलब्ध रहीं।
नाटिका में जीवंत हुए स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद जयंती की पूर्व संध्या पर स्वामी विवेकानंद पर एक प्रभावी नाटिका का मंचन हुआ। नाटिका में शिकागो की धर्म संसद में दिए स्वामी जी के भाषण को जीवंत रूप देने के साथ ही स्वामी जी के जीवन की प्रमुख घटनाओं का मंचन किया गया।
एमटीएफ में चार पुस्तकों का विमोचन हुआ। चन्द्रेश टेलर की पुस्तक “वर्तमान में हनुमान”, मुरारी गुप्ता की पुस्तक “सुगंधा”, उमेश कुमार चौरसिया की “मैं विवेकानन्द हूं” और इंदु मणि की “लेटर्स टू एडिटर” का विमोचन किया गया।
विवेकानन्द मुक्ताकाश मैदान में “लेखक की बात” सत्र में याजवेन्द्र यादव व अमित वर्मा ने अपनी अपनी पुस्तक के बारे में बताया और श्रोताओं से चर्चा की।
संविधान के चित्रों की प्रदर्शनी – संविधान अंगीकार होने के 75वें वर्ष के अवसर पर प्रदर्शनी लगाई गई। एसडीएम बृजेश गुप्ता ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर कहा कि संविधान में लगाए चित्रों का महत्व समझना प्रत्येक नागरिक के लिए आवश्यक है। प्रदर्शनी में संविधान में अंकित 22 चित्रों को युवाओं ने उत्सुकता से देखा।
प्रभु श्री द्वारकाधीश जी की छवि ने आगंतुकों को श्रद्धावनत किया। राघवम ग्रुप ने राजस्थानी गीतों और मोक्ष, मनीष व वरूण की टीम ने बैंड परफॉर्मेंस दी। काव्य संध्या में कवियों ने भारत माता के वंदन में कविताओं का गायन किया।
विजेताओं का सम्मान
समापन सत्र में स्टोरी टेलिंग प्रतियोगिता में स्वरा राठौड़, अश्विनी, युवराज व माधवी को और ड्राइंग प्रतियोगिता में प्राथमिक में नीरव, सीनियर में गार्गी, सुनीता व खुशी बानो और कॉलेज से चारूल, गोविन्द, अजय, हर्षा, प्राची व खुशी को सम्मानित किया गया। वॉलंटियर्स को पुस्तक, प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर प्रेरणा दी गई।
मेवाड़ टॉक फेस्ट की वेबसाइट पर 806 ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हुए। 388 ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन हुए। दोनों दिन 743 विजिटर्स आये।
फेस्ट का शुभारंभ
साहित्य व संवाद के उत्सव मेवाड़ टॉक फेस्ट का तीसरा संस्करण राजसमंद शहर के भिक्षु निलयम में शनिवार को “भारत के स्व की कहानी” थीम पर प्रभु श्रीनाथ जी के समक्ष अतिथि और एमटीएफ 3.0 की टीम ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।
उद्घाटन सत्र में ठाकुर जी की आराधना में मनस्वी व्यास ने मंदिर हवेली संगीत प्रस्तुत किया और अंजली जुयल ने रामधारी सिंह दिनकर की रश्मिरथी का पाठ किया। “भारत के स्व की कहानी” विषय पर बीज भाषण सुरेंद्र सिंह राव ‘मृत्युंजय’ ने दिया। सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि युवाओं को स्वयं के स्वत्व को पहचानना जरूरी है। इतिहास में स्वत्व को मिटाने के बहुत प्रयास हुए हैं, जो अभी भी जारी हैं। परंतु हर युग में स्वत्व को बनाए रखने के लिए साहित्य, गीत के साथ शिक्षा पर भी काम किए गए। हमें पाश्चात्य मानसिक दास्यता से बाहर निकलना होगा। हमारे मूल से जुड़कर मानवता ही हदें स्पर्श कर अति मानवता तक पहुंचना चाहिए। स्वत्व की स्थापना में बाधाओं को खोजना और समाप्त करना है।
“सिनेमा व समाज” विषय पर पैनल डिस्कशन में फिल्म निर्माता विवेक शर्मा, लेखक मुरारी गुप्ता व संगीतकार एकार्थ के साथ प्रोफेसर अमिताभ की मॉडरेटिंग में हुआ। जिसमें युवाओं के प्रश्नों का समाधान किया गया। समानांतर सत्र में 4 मिनट की अवधि की स्टोरी टेलिंग प्रतियोगिता और ‘मेवाड़ के ऐतिहासिक/धार्मिक स्थल के दृश्य” पर ड्राइंग प्रतियोगिता आयोजित हुई। “लेखक की बात” सत्र में अमित वर्मा ने अपनी पुस्तक “दीनदयाल उपाध्याय” और यादवेंद्र यादव ने पुस्तक तुष्टिकरण की यात्रा 1921 से 2021 तक पर चर्चा की। सत्र में जे. नंदकुमार की पुस्तक राष्ट्रीय स्वत्व के लिए संघर्ष का परिचय दिया गया।
18 दिसंबर को मेवाड़ के 4 प्रमुख शहरों उदयपुर, चित्तौड़गढ, भीलवाड़ा व राजसमंद में एमटीएफ 3.0 का पोस्टर विमोचन हुआ था।
मेवाड़ टॉक फेस्ट प्रथम सुभाषचंद्र बोस जयंती के अवसर पर 23 जनवरी, 2023 को महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय उदयपुर में “पराक्रमी भारत” थीम पर आयोजित हुआ। मेवाड़ टॉक फेस्ट द्वितीय- 30-31 मार्च 2024 को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर में “उदीयमान भारत” थीम पर आयोजित हुआ। जिसमें वैश्विक स्तर पर भारत की सांस्कृतिक पहचान और संविधान में भारतीयता सत्रों पर संवाद हुआ था।