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रांची, झारखंड। आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने शनिवार को आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर के मॉड्यूल का खुलासा किया। एटीएस ने एक महिला सहित चार संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। सभी की गिरफ्तारी धनबाद के वासेपुर से की गई है।
एटीएस के अनुसार, हिज्ब उत तहरीर, अलकायदा अकीस (अलकायदा इन इंडियन सबकांटिनेंट), आईएसआईएस और कुछ अन्य प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े कुछ व्यक्ति राज्य के अन्य युवकों को अपने नेटवर्क से जोड़कर गुमराह कर रहे हैं। धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देते हुए राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में भी लिप्त हैं।
यह भी पता चला है कि इन संगठनों से संबंधित व्यक्तियों के जरिये धनबाद जिला में अवैध हथियारों के व्यापार के साथ साथ राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। मामले में कार्रवाई करते हुए एक महिला सहित चार संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। छापेमारी का नेतृत्व एटीएस के एसपी ऋषभ झा खुद कर रहे थे।
गुलफाम हसन (21), धनबाद के बैंकमोड़ थाना के अलीनगर
आयान जावेद(21), धनबाद के भूली थाना के अमन सोसाईटी
मो. शहजाद आलम(20), धनबाद के भूली थाना के अमन सोसाईटी
शबनम परवीन (20) धनबाद के भूली थाना के शमशेर नगर गली नंबर-03
गिरफ्तार आतंकियों के पास से दो पिस्टल, 12 कारतूस, कई इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप के साथ-साथ भारी मात्रा में प्रतिबंधित संगठनों से संबंधित दस्तावेज और किताबें बरामद हुई हैं। इस संबंध में एटीएस, रांची में आपराधिक कांड दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर का गठन 1953 में यरुशलम में हुआ था। आतंकी संगठन का मकसद विश्व में खलीफा यानी इस्लामिक स्टेट की स्थापना करना है। साल 2010 में भारत सरकार ने इस्लामी कट्टरपंथी समूह हिज्ब उत तहरीर पर प्रतिबंध लगा दिया था। संगठन का मुख्य काम युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर आतंकी गतिविधियों से जोड़ना है।