चंडीगढ़। लोकमाता अहिल्यादेवी होलकर त्रिशताब्दी जयंती आयोजन समिति, संस्कार भारती और उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, पटियाला के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय नाट्य उत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जयपुर से आमंत्रित नाट्य दल वीणापणी कला मन्दिर, जयपुर द्वारा राजस्थान की वीर नारियों को समर्पित नाटक राजपुतान का मंचन किया गया। इसमें मीराबाई, हाड़ी रानी, पन्ना धाय आदि की गाथा को जीवंत किया गया।
अतिथियों के रूप में विजय जी, संगठन मंत्री, संस्कार भारती, रेणू भाटिया, अध्यक्ष महिला आयोग, हरियाणा, ममता यादव, सदस्य, हरियाणा लोक सेवा आयोग आदि उपस्थित रहे। इस सुअवसर पर राष्ट्रीय सेवा भारती द्वारा प्रकाशित पुस्तक आपदा प्रबंधन का विमोचन किया गया। इसमें समस्त समाज के लिए किये जाने वाले कार्यों जैसे भोजन-दवाई की व्यवस्था, धर्मशालाएं बनवाना, वंचित वर्ग को शिक्षित व देशभक्त बनाना निर्बल को सबल बनाना आदि है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राजकुमार चौहान जी ने शौर्य और बलिदानों से भरपूर इतिहास का विवेचन किया।
मुख्य वक्ता विजय जी ने अहिल्यादेवी होलकर जीवन की महत्वपूर्ण बातें बताईं। उन्होंने बताया कि अहिल्यादेवी के जीवन में इतने कष्ट आए, फिर भी वे समाज हित में कार्य करती रहीं और लोकमाता के रूप में प्रसिद्ध हुईं। अनेक मन्दिरों का पुनर्निर्माण किया, धर्मशालाएं, कूप, बावड़ियां और सड़कें आदि बनवाईं। सति प्रथा, बाल विवाह, ऊंच नीच आदि कुप्रथाओं के विरुद्ध आवाज उठाई और खुद आगे होकर इन कुप्रथाओं को रोका।
अहिल्यादेवी होलकर की जयंती के उपलक्ष्य में भारत की वीरांगनाओं की गाथा को दर्शा कर समाज में महिलाओं को जागरूक करना और अपने गौरवपूर्ण इतिहास को आगे लाना ही इस नाट्य उत्सव का मुख्य उद्देश्य है। 31 मई शनिवार को अहिल्यादेवी होलकर के जीवन पर आधारित दिल्ली से आमंत्रित नाट्य दल द्वारा नाटक का मंचन किया जाएगा।