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महाकुम्भ नगर, प्रयागराज। नेत्र कुम्भ में नेत्र रोगियों की चिकित्सा सेवा के साथ ही नेत्र दान का भी एक नया रिकॉर्ड बनेगा। अब तक 480 लोगों ने नेत्र दान के लिए अपना पंजीकरण करवाया है। नेत्र दान करने वालों में देश के कई राज्यों के लोग शामिल हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि इन लोगों की आयु 12 वर्ष से लेकर 78 वर्ष तक है। प्रति दिन नेत्र दान करने वाले लोग नेत्र कुम्भ परिसर में आ रहे हैं।
महाकुम्भ मेला क्षेत्र में 05 जनवरी को नेत्र कुम्भ का उद्घाटन हुआ था। जबकि विधिवत शुभारंभ 12 जनवरी को हुआ। इसका समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा। नेत्र कुम्भ में पांच लाख नेत्र रोगियों की चिकित्सा सेवा का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 78029 लोगों के आंखों की जांच हो चुकी है। इनमें 6139 लोग मोतियाबिंद के मरीज निकले, इनका घर के समीप स्थित संस्थान में ऑपरेशन करवाया जाएगा। अब तक 52520 लोगों को निःशुल्क चश्मा दिया जा चुका है।
नेत्र दान विभाग की को-ऑर्डिनेटर माधुरी पाठक ने बताया कि अब तक 480 लोगों ने नेत्र दान के लिए पंजीकरण करवाया है। इनमें छात्र, युवा एवं बुजुर्ग शामिल हैं। सबसे कम आयु का 12 वर्ष का छात्र और सबसे अधिक आयु के एक बुजुर्ग हैं, जिनकी आयु 78 वर्ष है।
आयोजन समिति की मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉ. कीर्तिका अग्रवाल ने बताया कि नेत्र दान के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ रही है। लोग स्वयं आकर पंजीकरण करवा रहे हैं, यह अच्छी बात है। नेत्र दान से अंधकार में डूबे लोगों को रोशनी मिलेगी। यह पुण्य कार्य भी है। मौनी अमावस्या के दिन तारापीठ के महंत सोमनाथ एवं बाद में छत्तीसगढ़ की दिव्यांग बालिका तपस्या ने नेत्र दान का संकल्प लिया।
आयोजन समिति के सदस्य सुनील कुमार सिंह ने बताया कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या स्नान पर्व के बावजूद लोगों की भीड़ नेत्र कुम्भ परिसर में जुटी रही। यहां लोगों को नेत्र रोगों के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है।