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मौनी अमावस्या स्नान पर बिछड़ा दो वर्षीय बालक, स्वयंसेवकों व प्रशासन ने माता-पिता से मिलवाया

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प्रयागराज। संगम तट पर मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु पुण्य स्नान के लिए उमड़े थे। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच एक दो वर्षीय बालक अपने माता-पिता से बिछड़ गया। मासूम बच्चा अकेला और डरा हुआ था, स्वयंसेवकों ने प्रशासन की मदद से उसे सुरक्षित उसके माता-पिता से मिला दिया।

जानकारी के अनुसार, यह बच्चा अपने माता-पिता के साथ संगम तट पर स्नान और पूजा के लिए आया था। स्नान के बाद परिवार घाट पर बैठा था, तभी बच्चा पास में उड़ते हुए बैलून को पकड़ने के लिए दौड़ पड़ा। खेलते-खेलते वह भीड़ में इतना आगे चला गया कि रास्ता भटक गया और अपने माता-पिता से दूर हो गया।

जब माता-पिता को पता चला तो वे घबराकर उसे चारों ओर ढूंढने लगे। लेकिन संगम तट पर स्नानार्थियों की अपार भीड़ होने के कारण बच्चा कहीं नजर नहीं आया।

इसी दौरान, स्वयंसेवक संगम क्षेत्र में सेवा कार्यों में लगे हुए थे। उनकी नजर छोटे बच्चे पर पड़ी, जो अकेला खड़ा था और सहमे हुए इधर-उधर देख रहा था। जब स्वयंसेवकों ने उसे गोद में उठाया और प्यार से उसका नाम पूछा, तो वह कुछ स्पष्ट नहीं बोल पा रहा था।

स्वयंसेवकों ने तुरंत बच्चे को संगम क्षेत्र में लगे खोया-पाया केंद्र पहुंचाया और प्रशासन को इसकी जानकारी दी। बच्चा शायद थक गया था, इसलिए थोड़ी देर बाद वह वहीं पड़े बैलून पर सिर रखकर सो गया।

स्वयंसेवकों और पुलिस प्रशासन ने बच्चे के माता-पिता की खोज शुरू कर दी। माइक से अनाउंसमेंट कराया गया और सोशल मीडिया के माध्यम से भी सूचना फैलाई गई।

करीब एक घंटे बाद, बच्चे के माता-पिता खोया-पाया केंद्र पहुंचे। उन्होंने अपने बेटे को वहां सोते हुए देखा, तो उनकी आंखें खुशी से भर आईं। उन्होंने तुरंत अपने बच्चे को गोद में उठा कर गले से लगा लिया।

प्रशासन ने औपचारिक पहचान सुनिश्चित करने के बाद बच्चा माता-पिता को सौंप दिया। भावुक माता-पिता ने भार व्यक्त किया और कहा कि यदि ये लोग न होते तो उनका बच्चा इतनी भीड़ में कहीं खो जाता।

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