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हादसे के बाद सेवा कार्य में जुटे संघ के स्वयंसेवक

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महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ मेला क्षेत्र में हुए हादसे के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने अपने-अपने क्षेत्र में सेवा कार्य की गति तेज कर दी।

अलग-अलग टोलियों में बंटकर स्वयंसेवक यातायात व्यवस्था में प्रशासन को सहयोग दे रहे हैं तथा तीर्थयात्रियों के लिए जगह-जगह भंडारे शुरू किए हैं। सेक्टर 9 के कलश द्वार तथा सेक्टर 7 के सूर्य द्वार पर स्वयंसेवकों ने  यातायात व्यवस्था में सहयोग दिया।

महाकुम्भ मेला क्षेत्र के उत्तरी प्रवेश द्वार कहे जाने वाले फाफामऊ के बेला कछार में श्यामा प्रसाद मुखर्जी नगर के स्वयंसेवको ने भंडारे का आयोजन किया। भीड़ पर नियंत्रण के लिए रोके गए तीर्थयात्रियों को कार्यकर्ताओं ने भोजन उपलब्ध कराया। मेला क्षेत्र के पश्चिम दारागंज तथा सूबेदारगंज स्थित रज्जू भैया नगर में कार्यकर्ताओं ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे तथा चाय बिस्कुट आदि की व्यवस्था की।

दूसरी ओर प्रशासन ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए संगम क्षेत्र में भीड़ पर पूरी तरह से प्रभावी नियंत्रण स्थापित कर लिया है। इसके साथ ही एक बार पुनः स्नान की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से प्रारंभ हो गई हैं। दोपहर में स्नानार्थियों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई। प्रशासन की ओर से घटना में घायलों को स्थानीय स्वरूप रानी नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल कर उपचार की प्रभावी व्यवस्था शुरू कर दी है।

https://x.com/editorvskbharat/status/1884515085122691418

विहिप अध्यक्ष आलोक कुमार जी ने हादसे में हताहत लोगों के प्रति अपनी पूर्ण संवेदना जताई है। प्रमुख संतों में वासुदेवानंद जी तथा स्वामी रामभद्राचार्य जी एवं कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर जी ने बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वह अत्यधिक भीड़ में यात्रा करने से बच्चे तथा भीड़ का दबाव कम होने पर ही महाकुम्भ मेला क्षेत्र में आने की योजना बनाएं।

प्रयागराज के निकटवर्ती प्रतापगढ़ सुल्तानपुर वाराणसी मिर्जापुर आदि जिलों में भी कार्यकर्ताओं द्वारा रुके हुए तीर्थयात्रियों की सेवा प्रारंभ किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है।

आलोक कुमार, अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष, विश्व हिन्दू परिषद –

महाकुम्भ में आज हुई दुर्घटना बेहद दुखद व पीड़ादायक है। उसमें हताहत हुई दिव्यात्माओं के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना के साथ हम सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। साथ ही व्यवस्थाओं में यदि कोई न्यूनता रही हो तो उसे भी ठीक करने की स्थानीय शासन प्रशासन से अपेक्षा भी करते हैं।

हम यह भी प्रार्थना करते हैं कि यह समय किसी प्रकार के राजनैतिक दोषारोपण का नहीं अपितु, घायलों के उचित इलाज, मृतकों के परिजनों को संभाले रखने तथा स्थितियों को नियंत्रित रखने का है।

विश्व हिंदू परिषद भी इस संबंध में अपने कर्तव्यों का पूर्ण रूप से पालन करेगी।

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