करंट टॉपिक्स

आंदोलनकारी किसानों का विभिन्न स्थानों पर जनविरोध शुरू

Spread the love

फोटो – बसताड़ा टोल प्लाजा

हरियाणा. दिल्ली में तथाकथित किसानों द्वारा हिंसा के बाद उनका जनविरोध शुरू हो गया है. करनाल के घरौंड़ा स्थित बसताड़ा टोल प्लाजा पर धरना दे रहे आंदोलनकारी किसानों के पास स्थानीय गांव के लोग पहुंच गए. इस दौरान झड़प भी हुई. इसकी सूचना पुलिस प्रशासन को लगी तो भारी संख्या में पुलिस बल पहुंचा. स्थानीय ग्रामीणों से आंदोलनकारी किसानों की बहस शुरू हो गई. किसी भी अप्रिय घटना से पहले ही पुलिस ने दोनों पक्षों को हटाया. इसके बाद आंदोलनकारियों से बातचीत की और टोल खाली करने के निर्देश दिए. पुलिस के निर्देश के बाद किसानों ने टोल पर लगे एक तरफ के टैंट को हटा दिया है. इस टैंट में लंगर बनता था. हालांकि किसान अभी दूसरी तरफ धरने पर डटे हैं. तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंच चुकी है.

दहिया खाप भी समर्थन पर करेगी विचार

सोनीपत. किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में मंगलवार को हुई हिंसा के बाद आंदोलन के जारी रहने पर ही सवाल उठने लगे हैं. हिंसा के 24 घंटे के भीतर दिल्ली के गाजीपुर और नोएडा बॉर्डर पर बैठे 2 किसान संगठनों ने अपना आंदोलन जारी नहीं रखने का फैसला किया है. इस बीच  ट्रैक्टर परेड की आड़ में देश की राजधानी दिल्ली में लालकिले पर तिरंगे की जगह अन्य झंडा फहराए जाने के बाद दहिया खाप के प्रधान सुरेंद्र दहिया ने जल्द ही सर्वखाप की पंचायत बुलाकर किसान यूनियनों को दिए गए नैतिक समर्थन पर विचार करने की बात कही है. अगर ऐसा हुआ तो तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से बैठे किसानों के लिए बड़ा झटका साबित होगा. दहिया खाप के प्रधान सुरेंद्र दहिया ने बुधवार को कहा कि किसी भी स्तर पर इस बात को सहन नहीं किया जा सकता है कि लालकिले पर तिरंगे की जगह कोई और झंडा दिखाई दे. देश की एकता और अखंडता को इस प्रकार से किसी को भी तोड़ने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. देश की आन, बान और शान तिरंगे की जगह ना आज तक किसी अन्य झंडे ने ली और ना ही ले सकता है. जल्द ही सर्वखाप अपनी पंचायत कर किसान यूनियनों को दिए गए नैतिक समर्थन को लेकर भी विचार-विमर्श करेगी. समर्थन देते समय उनकी पहली शर्त यही थी कि इस आंदोलन को समरसता, सौहार्द व शांतिपूर्ण तरीके से चलाया जाए. लेकिन आंदोलन की आड़ में तिरंगे के बराबर अन्य झंडे को फहराने की इजाजत नहीं दी सकती है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *