करंट टॉपिक्स

कृषि कानून अच्छा परिणाम देने वाले, लेकिन इनमें संशोधन की आवश्यकता – भारतीय किसान संघ

Spread the love

जयपुर (विसंकें). भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने कहा कि जब से तीन कृषि व्यापार बिलों के मसौदा के बारे में पता चला, तभी से भारतीय किसान संघ इस पहल का स्वागत करते हुए उसमें कुछ संशोधन की मांग करता आ रहा है.

शुक्रवार को भारतीय किसान संघ कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि 1990 के दशक से भारतीय किसान संघ किसानों की उपज का देशभर में आवागमन के लिए एक देश-एक बाजार की आवश्यकता को उजागर करता आ रहा है. मंडी प्रक्रिया जब से शुरू हुई है, शुरुआत के दौर में वह किसान हितेषी रही. लेकिन धीरे-धीरे वह किसानों के शोषण का एक जरिया बन गई. किसान संघ, कुछ अन्य किसान संगठन से लेकर कई सरकारी समितियां मंडी कानून में किसान हितों का ध्यान रखते हुए सुधार की मांग रखते आए हैं. देर से ही सही केंद्र सरकार ने एक देश-एक बाजार को और बगैर टैक्स के कृषि उपज को बेचने का कानूनी प्रावधान किया. जिसका हम स्वागत करते हैं.

उन्होंने कहा कि हाल ही में कुछ किसान संगठन इस कानून को वापस करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं, भारतीय किसान संघ का मानना है कि देश में सिर्फ धान और गेहूं की फसल के किसान ही नहीं, बल्कि अनेक प्रकार की खेती करने वाले किसान भी हैं. देश का सबसे बड़ा, सर्वव्यापी, सर्वस्पर्शी और गैर राजनीतिक किसान संगठन के नाते भारतीय किसान संघ की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह देश के सभी प्रकार के खेती किसानी के विषय को प्रमुखता से हर स्तर पर अंकित करें. इसलिए भारतीय किसान संघ मांग करता है कि यह कानून सभी किसानों के लिए कुछ अच्छा परिणाम देने वाले हैं, इनको वापस नहीं किया जाए. लेकिन इनमें कुछ संशोधन की आवश्यकता है.

अखिल भारतीय महामंत्री ने कहा कि देशभर के मंडी के अंदर और मंडी के बाहर समर्थन मूल्य के नीचे कोई खरीदारी ना हो, निजी व्यापारियों का पंजीयन एक सरकारी पोर्टल के अंतर्गत हो और यह सभी के लिए उपलब्ध हो, व्यापारियों को बैंक गारंटी के माध्यम से किसान का भुगतान समय पर निश्चित किया जाए व इससे संबंधित विवादों के लिए स्वतंत्र कृषि न्यायालय की व्यवस्था हो और सब विवादों का निपटारा किसान के गृह जिले में ही हो.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *