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अजमेर – नाबालिग छात्रा से दुराचार व ब्लैकमेलिंग के सभी आरोपी गिरफ्तार

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अजमेर में एक नाबालिग स्कूली छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसे ब्लैकमेल करने वाले सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों को पकड़ने के लिए आईजी लता मनोज के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया था. गिरफ्तार सभी आरोपियों को रिमांड पर लेकर पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है. मामले की रिपोर्ट गत 31 मई को किशनगंज थाना क्षेत्र में दर्ज करवाई गई थी.

क्या है मामला

पुलिस के अनुसार, अक्तूबर 2023 में एक कोचिंग सेंटर पर पीड़िता की एक लड़की से दोस्ती हुई थी. उस लड़की ने पीड़िता को इंस्टा पर इरफान से दोस्ती करने को कहा. लड़की ने उस समय तो आईडी ब्लॉक कर दी, लेकिन बाद में दोनों में दोस्ती हो गई. नाबालिग लड़की ने इरफ़ान के मांगने पर अपना इंस्टाग्राम यूजर आईडी और पासवर्ड भी दे दिया. इसके बाद इरफान ने उसकी इंस्टाग्राम आईडी पर पोस्ट कुछ तस्वीरों को फोटोशॉप कर पीड़िता को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया, साथ ही अश्लील चैट करने लगा. वह उससे संबंध बनाने को कहता. उसने लड़की से 5 लाख रुपये भी मांगे. इस सब से लड़की इतना डर गई कि उसने बिना घर में किसी को बताए घर से पैसे चुरा कर इरफान को देने शुरू कर दिए. मार्च 2024 में जब इरफान लड़की से पैसे वसूलने आया तो उसके साथ उसका साथी अरबाज भी था. इस काम के लिये उसने लड़की को अकेले सुनसान जगह पर बुलाया, जहां उसने अपने बाकी साथियों को पहले से बुला रखा था. जब लड़की वहां पहुंची तो पैसे लेने के बाद इरफान और उसके बाकी साथियों ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया और उससे 10 लाख रुपये और मांगे.

रकम सुनकर लड़की डिप्रेशन में आ गई. वहीं, जब घर में रखी नकदी गायब होने के बारे में परिजनों ने उससे पूछा तो उसने अपने साथ हुई घटना के बारे में सब कुछ बता दिया.

आरोपी इरफान (आयु 19 वर्ष) और उसका फोटोग्राफर दोस्त अरबाज (आयु 21 वर्ष) अश्लील फिल्म देखने और नशे के आदि बताए जा रहे हैं. आरोपी अरबाज ने पुलिस को बताया कि वह सेवेन वंडर्स पार्क के बाहर फोटोग्राफी करता है, वहां घूमने आने वाले लोग, जिनमें अजमेर की स्कूली छात्राएं व अन्य लड़कियां भी शामिल हैं – उससे यादगार स्वरूप फोटो खिंचवाते थे. फिर वह फोटो भेजने के बहाने लड़कियों के मोबाइल नंबर ले लेता था. बाद में उन से दोस्ती बढ़ाकर उनके सोशल मीडिया पासवर्ड ले लेता था और फिर उनकी फोटो को फोटोशॉप कर ब्लैकमेल करने लगता था. आरोप है कि वह गैंग के अन्य सदस्यों को भी लड़कियों के नंबर भेज कर उन्हें ब्लैकमेल करवाता था. दूसरी ओर इरफान बढ़ईगीरी सीख रहा था. पीड़िता से दोस्ती के बाद उसके दोस्तों ने उससे कहा कि तेरा अमीर लड़की से मिलना-जुलना है. तेरा बढ़ईगीरी करना अच्छा नहीं लगता. इरफान ने उनके कहने में आकर काम छोड़ दिया और पीड़िता को ब्लैकमेल कर पैसे लेने लगा.

पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र विश्नोई ने मामले का खुलासा करते हुए कहा कि क्रिश्चियनगंज थाना पुलिस की शुरुआती जांच बता रही है कि यह पूरा गिरोह हो सकता है, जो स्कूल, कॉलेज और कोचिंग छात्राओं को फंसाकर उनके अश्लील फोटो के माध्यम से उन्हें ब्लैकमेल करता हो.

घटना ने 1992 के सेक्स स्कैंडल की याद दिला दी

मामले के खुलासे ने सभी को 1992 के ब्लैकमेलिंग और रेप कांड की याद दिला दी. तब 100 से अधिक लड़कियों को फँसाकर उनके साथ रेप किया गया था. फारुक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती- इस कांड के मुख्य आरोपी थे. तीनों ही यूथ कॉन्ग्रेस के लीडर थे. फारूक उस समय इंडियन यूथ कॉन्ग्रेस की अजमेर यूनिट का अध्यक्ष था. नफीस चिश्ती कॉन्ग्रेस की अजमेर यूनिट का उपाध्यक्ष था. अनवर चिश्ती अजमेर में पार्टी का ज्वाइंट सेक्रेटरी था. साथ ही तीनों अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खादिम भी थे.

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