जयपुर. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में प्रत्येक भारतीय का योगदान रहा है. सिन्ध प्रदेश भी इससे अछूता नहीं रहा. सिन्धवासियों ने स्वतंत्रता के प्रत्येक आन्दोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया था. जिसका उल्लेख सिन्धी साहित्य की पुस्तकों में सिन्धी भाषा में उपलब्ध है. सिन्ध के स्वतंत्रता आन्दोलन में दिये योगदान को भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने की दृष्टि से राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा सिन्ध का स्वतंत्रता आन्दोलन में योगदान ’स्वराज सिन्धू-75’ शीर्षक के अन्तर्गत प्रकाशन करवाया गया है. पुस्तक का विमोचन राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र जी के कर-कमलों से राजभवन में गरिमापूर्ण कार्यक्रम में सम्पन्न हुआ.
पुस्तक में भारत के विभिन्न प्रदेशों में रहने वाले लेखकों द्वारा हिन्दी में आलेख तैयार किये गये हैं, जिनमें सिन्ध के स्वर्णिम इतिहास, सिन्धी वीरों, महिलाओं, सन्तों, आर्य समाज, युवाओं के योगदान के साथ-साथ सिन्ध के शूरवीर शहीद हेमूं कालाणी, सन्त कंवरराम के जीवन पर विस्तृत जानकारी दी गई है. इसके साथ-साथ स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान अंग्रेजों द्वारा प्रतिबंधित किये गए साहित्य का भी उल्लेख किया गया है. पुस्तक का सम्पादन अजमेर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुरेश बबलानी द्वारा किया गया है.