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आजादी का अमृत महोत्सव – उपराष्ट्रपति ने माननीय चमन लाल जी पर डाक टिकट जारी किया

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नई दिल्ली. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सरदार वल्लभ भाई पटेल कांफ्रेंस हॉल, नई दिल्ली में एक सार्वजनिक समारोह में ‘माननीय चमन लाल जी’ पर स्मृति डाक टिकट जारी किया. समारोह में केंद्रीय संचार, रेलवे एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, संचार राज्य मंत्री देउसिंह चौहान उपस्थित थे.

स्मृति डाक टिकट में प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और संघ प्रचारक चमन लाल जी के जीवन और कार्यों को प्रमुख रूप से दर्शाया गया है. सियालकोट (अब पाकिस्तान में) में 25 मार्च, 1920 को जन्मे चमन लाल जी कम उम्र से ही लोगों के कल्याण के लिए काम करने के लिए उत्साहित थे. यद्यपि स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा पूर्ण की थी और उन्हें नौकरियों के प्रस्‍ताव भी मिले थे. लेकिन उन्होंने भारत विभाजन के पीड़ित लोगों की सेवा के कार्य को चुना. अपनी लगन, जुनून और कड़ी मेहनत के बल पर उन्होंने विदेशों में बसे भारतीयों की मदद के लिए एक संस्थागत व्यवस्था की और भारत की विदेश नीति के विभिन्न रणनीतिक लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

उपराष्ट्रपति ने कहा कि माननीय चमन लाल सच्चे अर्थों में एक भारतीय संत थे, जिन्होंने देखभाल के दर्शन पर विश्वास किया और उनका अभ्यास किया. उन्‍होंने हमेशा राष्ट्र को सबसे पहले रखा और स्वयं को अंत में. संघ का वैश्विक नेटवर्क बनाने के कार्य को शुरू करने और उसे पूरा करने में उनकी अहम भूमिका थी और विदेश जाने वाले भारतीयों की सुविधा का ध्यान रखते थे. डाक टिकट हमारे इतिहास के बारे में विशेष रूप से अगली पीढ़ी के नागरिकों के लिए प्रामाणिक जानकारी का एक उत्कृष्ट स्रोत है.

केंद्रीय संचार, रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि माननीय चमन लाल जी का सभी भारतीय वंशजों के साथ गहरा और आध्यात्मिक जुड़ाव था. केंद्रीय मंत्री ने एक किस्सा साझा किया. उन्होंने बताया कि वर्ष 1992 में मॉरीशस के तत्कालीन राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ ने अपने बेटे की शादी में माननीय चमन लाल जी के शामिल होने तक शादी टाल दी. उनकी जीवन शैली इतनी सरल थी कि अपने कपड़े धोने के बाद सीधे सुखा देते थे ताकि किसी इस्त्री की जरूरत न पड़े.

केंद्रीय मंत्री ने आजादी के अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में भारत के गुमनाम नायकों की पहचान करने और उन्हें सम्मानित करने की पहल के लिए डाक विभाग के प्रयासों की सराहना की.

डाक टिकट का प्रस्ताव इंटरनेशनल सेंटर फॉर कल्चरल स्टडीज के महासचिव अमरजीव लोचन ने किया और इसकी डिजाइनिंग संखा सामंता ने की. आज जारी टिकट भारत के गुमनाम नायकों को डाक विभाग की श्रद्धांजलि है और यह आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के लिए विभाग की पहल का एक हिस्सा है.

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