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महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ क्षेत्र में दुर्भाग्यपूर्ण हादसे के पश्चात प्रशासन, सरकार की ओर से कदम उठाए गए हैं। विभिन्न पक्षों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। अखाड़ों व संतों ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोपरि बताया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए नागा साधुओं ने कहा कि अमृत स्नान तो 3 फरवरी को भी कर लेंगे, लेकिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है।
एबीपी की रिपोर्ट के अनुसार, जूना अखाड़े के संतों ने घटना पर शोक व्यक्त किया और कहा कि यह हादसा बेहद दुःखद है। उन्होंने प्रार्थना की कि भगवान दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे। संतों ने प्रशासन से अनुरोध किया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
नागा संन्यासियों ने कहा कि ये त्याग श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया है। संतों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं से पूरे महाकुम्भ की पवित्रता प्रभावित होती है, इसलिए सरकार को पीड़ित परिवारों के लिए राहत और मुआवजे की उचित व्यवस्था करनी चाहिए। सरकार को पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए हर संभव कदम उठाने चाहिए ताकि इस दुख की घड़ी में उन्हें सहारा मिल सके।
अखाड़ों के संतों ने सरकार और प्रशासन से अनुरोध किया कि आगामी स्नान के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से धैर्य और संयम बनाए रखने की भी अपील की।