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महाकुम्भ नगर, प्रयागराज (फरवरी 07, 2025)।
विहिप केंद्रीय प्रन्यासी मंडल बैठक के द्वितीय सत्र में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि हिन्दुओं की घटती जनसंख्या दर, हिन्दू परिवारों के विखंडन, लिव इन संबंध, युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति चिंतनीय है। ये समस्याएं हिन्दू समाज के लिए चुनौती बन गई हैं, जिनका जवाब देश की युवा पीढ़ी को देना होगा।
विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने प्रयागराज में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के सामने आने वाली हर चुनौती का हिन्दू युवा शक्ति ने हमेशा जवाब दिया है। जनसंख्या असंतुलन हिन्दू समाज के अस्तित्व के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। हिन्दुओं की घटती जनसंख्या बहुआयामी प्रभाव निर्माण करती है। हिन्दू इस देश की पहचान हैं। अगर हिन्दू घटा तो देश की पहचान और अस्तित्व पर भी संकट के बादल छा जाएंगे। इस स्थिति को रोकने के लिए हिन्दू युवाओं को आगे बढ़ना होगा।
उन्होंने कहा कि देरी से विवाह और उज्ज्वल भविष्य की भ्रामक अवधारणाओं के मकड़ जाल के कारण भी हिन्दू दंपतियों के बच्चे कम हो रहे हैं। विहिप ने आह्वान किया कि 25 वर्ष की उम्र में विवाह करना आज की आवश्यकता है। कई वैज्ञानिक अध्ययनों ने यह सिद्ध किया है कि यदि बच्चों का संपूर्ण विकास करना है तो प्रत्येक परिवार में दो या तीन बच्चे अवश्यक होने चाहिए।
प्रस्ताव में कहा गया है कि आज हिन्दू संस्कारों के अभाव में परिवार संस्था पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं, पश्चिमी भौतिकवाद का बढ़ता प्रभाव, अर्बन नक्सल षड्यंत्र व ग्लोबल कॉरपोरेट समूह मनोरंजन माध्यम व विज्ञापनों द्वारा युवाओं को भ्रमित व संस्कार विहीन बना रहा है। इसी कारण विवाहेत्तर संबंध और लिव इन संबंध भी बढ़ रहे हैं।
विहिप ने युवाओं को अपनी जड़ों की ओर लौटने का आह्वान किया, जिससे सुखी पारिवारिक जीवन सुनिश्चित किया जा सके और बच्चों तथा बुजुर्गों को सामाजिक व भावनात्मक सुरक्षा भी दी जा सके।
देश में बढ़ती हुई नशे की प्रवृत्ति पर भी विहिप ने चिंता व्यक्त की। 16 करोड़ से अधिक लोगों का नशे का आदी होना समस्या की भीषणता को प्रकट करता है। विहिप ने युवाओं का आह्वान किया कि वे स्वयं भी नशे की आत्मघाती प्रवृत्ति से दूर रहें तथा अपने शिक्षण संस्थान, नगर व प्रांत को भी नशे से मुक्त बनाने के लिए कार्य करें। विहिप ने विभिन्न सरकारों से भी मांग की कि वे नशे के व्यापार में लिप्त माफियाओं और आतंकियों के गठजोड़ पर अंकुश लगाएं व कठोर कानून बनाकर इस पर पूर्ण रोक लगाने का प्रयास करें।
विहिप ने संकल्प लिया है कि वह अपनी लाखों इकाइयों, सत्संग व संस्कार शालाओं और सत्संग केंद्रों के माध्यम से इन विषयों पर जन जागरण करेगी।