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अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर मीडिया जगत में रोष, केंद्रीय मंत्रियों ने कार्रवाई की तुलना आपातकाल से की

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एक पुराने मामले को पुनः जीवित कर मुंबई में बुधवार सुबह रिपब्लिक टीवी के मुख्य संपादक अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार किया गया. अर्नब ने पुलिस पर अपने व अपने परिवार के साथ मारपीट-हाथापाई करने का भी आरोप लगाया. अर्नब की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं. कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार के मंत्रियों सहित नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया व अन्य ने निंदा की. घटना की निंदा करते हुए कार्रवाई को मीडिया पर आघात व आपातकाल के समय के साथ तुलना की गई. अर्नब गोस्वामी ने मुंबई पुलिस पर अपने साथ मारपीट का आरोप लगाया. रिपब्लिक टीवी ने अर्नब के घर के लाइव फुटेज भी दिखाए, जिसमें पुलिस और अर्नब के बीच झड़प होती दिख रही है. ये स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमला है और इसका विरोध होना ही चाहिए.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के संस्थापक अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी की निंदा की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके गठबंधन साथियों ने एक बार फिर से लोकतंत्र को शर्मसार किया है. रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ राज्य की सत्ता का दुरुपयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है. यह हमें आपातकाल की याद दिलाता है. फ्री प्रेस पर इस हमले का विरोध होगा.’

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने भी ट्वीट कर अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर नाराजगी जाहिर की. ‘हम महाराष्ट्र में प्रेस की आजादी पर हमले की निंदा करते हैं.यह प्रेस के साथ बर्ताव का तरीका नहीं है.यह हमें आपातकाल के दिनों की याद दिलाता है, जब प्रेस के साथ इस तरह से व्यवहार किया गया था.’

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की. उन्होंने कहा – ‘‘वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी गंभीर तौर पर निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक है। हमने 1975 में बेरहम आपातकाल का विरोध करते हुए प्रेस की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने ‘संस्थानों पर हमलों के मनगढंत आरोपों के जरिये मोदी सरकार पर हमले किये हैं’, लेकिन जब महाराष्ट्र में उनकी ही सरकार प्रेस की आजादी ‘का खुलकर दमन’ कर रही है तो वे पूरी तरह चुप हैं.

‘‘मतभेद हो सकते हैं, बहस हो सकती है और सवाल भी पूछे जा सकते हैं। लेकिन, क्योंकि वह सवाल पूछ रहे हैं इसलिए पुलिस के अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए अर्नब गोस्वामी जैसे कद के पत्रकार की गिरफ्तारीकी हम सभी को निंदा करनी चाहिए।’’

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को जिस तरह से गिरफ्तार किया गया, वह कांग्रेस पार्टी और महाराष्ट्र सरकार की मानसिकता को दर्शाता है. यह लोकतंत्र और पत्रकारिता के सिद्धांतों के लिए एक बड़ा झटका है. मैं इसकी निंदा करता हूं. ट्वीट कर कहा कि – भारत ने आपातकाल के लिए इंदिरा गांधी को माफ नहीं किया. भारत ने कभी भी प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करने के लिए राजीव गांधी को माफ नहीं किया. अब फिर से भारत सोनिया गांधी और राहुल गांधी को राज्य सत्ता का दुरुपयोग करके पत्रकारों को डराने के लिए उन्हें माफ नहीं करेगा.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी अर्नब गोस्वामी के गिरफ्तारी की निंदा की. गिल्ड ने कहा कि हम गिरफ्तारी की निंदा करते है. गिल्ड ने महाराष्ट्र के सीएम को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गोस्वामी के साथ उचित व्यवहार किया जाए और मीडिया द्वारा महत्वपूर्ण रिपोर्टिंग के खिलाफ राज्य शक्ति का उपयोग नहीं किया जाए.

अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ईरानी ने ट्वीट करते हुए कहा कि स्वतंत्र प्रेस के लोग अगर आज अर्नब के समर्थन में खड़े नहीं होते हैं, तो आप रणनीतिक रूप से फासीवाद के समर्थन में हैं. आप भले ही उन्हें पसंद नहीं करते हों, आप उनको चाहे मान्यता नहीं देते हों, भले ही आप उनकी उपस्थिति को नजर अंदाज करते हों, लेकिन अगर आप चुप रहे तो आप दमन का समर्थन करते हैं. अगर अगले शिकार आप होंगे, तो फिर कौन बोलेगा?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन अर्नब की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए ट्वीट कर कहा कि स्वतंत्र मीडिया हमारे लोकतंत्र की विशेषता व संविधान का आदर्श है. इस स्वतंत्रता को दबाने का अर्थ है लोकतंत्र का गला घोंटना. अर्नब गोस्वामी के साथ आज जो कुछ हुआ वो हमें आपातकाल की याद दिलाता है.

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