अलीगढ़. एक तरफ केंद्र व राज्य सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए तमाम तरह की व्यवस्थाएं की जा रही हैं. वहीं, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एएनएम द्वारा कोरोना वैक्सीन से भरी सिरिंज कूड़ेदान में डालकर अभियान को पलीता लगाने का काम किया जा रहा था.
कोरोना काल में अलीगढ़ बहुत चर्चा में रहा है. पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और कर्मचारियों की मौत की चर्चा काफी दिनों तक हुई. अब वहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एएनएम के कारण अलीगढ़ चर्चा के केंद्र में है. निहा ने वैक्सीन से भरी 29 सिरिंज कूड़ेदान में फैंक दी थीं. निहा खान के साथ ही चिकित्साधिकारी पर भी मामले को दबाने के आरोप लगे हैं.
जमालपुर अर्बन पीएचसी को वैक्सीनेशन सेंटर बनाया गया है. क्षेत्र में काफी लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं, जिसके चलते प्रतिदिन 250 तक वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया. लेकिन वैक्सीन एंड कोल्ड चेन मैनेजर रवेंद्र शर्मा की निरीक्षण की रिपोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग में खलबली मचा दी. रिपोर्ट में कर्मचारियों द्वारा 18 से 45 वर्ष आयु के लिए दी गई वैक्सीन (को-वैक्सीन) भरी सिरिंज कचरे में फेंकने की जानकारी दी. वैक्सीनेशन करने वाली एएनएम ने सिरिंज में वैक्सीन भरी, लाभार्थी के बाजू में केवल सुई चुभोकर निकाल ली और वैक्सीन भरी सिरिंज कचरे में फेंक दी. ऐसी 29 सिरिंज बरामद हुई हैं..अन्य कर्मी ने निहा से पूछा, ”यह क्या कर रही हो!” तो इस पर निहा खान ने कहा कि मेरा मूड खराब है, और वह कमरे से बाहर चली गई.
स्पष्ट है कि लाभार्थियों को वैक्सीन लगाए बिना ही कोविन पोर्टल पर अपडेट कर दिया गया. जैसे ही इस मामले की खबर फैली प्रशासन ने इसकी जांच करने का आदेश डॉ. एम.के. माथुर और डॉ. दुर्गेश कुमार को दिया.
जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में शुक्रवार को मामले में गठित जांच समिति की रिपोर्ट रखी गई. डीएचसी ने दोषी एएनएम निहा खान की सेवा समाप्ति को हरी झंडी दे दी. प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. आरफीन मामले को दबाने और तथ्यों को छिपाने की दोषी पाई गई हैं. उन्होंने दोषी एएनएम निहा खान के खिलाफ न तो कार्रवाई की और न ही विभाग को उनके इस कृत्य की सूचना दी.
मामले में सीएमओ डॉ. बीपी सिंह कल्याणी ने बताया कि जिलाधिकारी ने निहा खान के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है.