नई दिल्ली. इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के एक वैज्ञानिक को तीन साल में तीन बार जहर देकर मारने का प्रयास किया गया. यह सनसनीखेज खुलासा इसरो वैज्ञानिक तपन मिश्रा (Tapan Misra) ने स्वयं किया. उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2017 में जहर देकर मारने का प्रयास किया गया था.
इसरो (ISRO) वैज्ञानिक तपन मिश्रा (Tapan Misra) ने सोशल मीडिया (फेसबुक) पर पोस्ट के माध्यम से घटना के बारे में जानकारी दी. उन्होंने भारत सरकार व सुरक्षा एजेंसियों से जांच करने की अपील की और कहा कि यह पता लगाया जाए कि जहर किसने और क्यों दिया?
उन्होंने कहा कि बाहरी लोग नहीं चाहते कि इसरो और इसके वैज्ञानिक आगे बढ़ें और कम लागत में टिकाऊ सिस्टम बनाएं. डॉ. विक्रम साराभाई की रहस्यमयी मौत का हवाला देते हुए केंद्र सरकार से जांच की मांग की.
उन्होंने बताया कि बहुत दिन तक इसे रहस्य रखा. कई तरह की चुनौतियों को देखते हुए अब इसे सार्वजनिक करना पड़ रहा है. पहली बार 23 मई, 2017 को बेंगलुरु मुख्यालय में प्रमोशन इंटरव्यू के दौरान ऑर्सेनिक ट्राइऑक्साइड दिया था. ”लंच के बाद के नाश्ते में उन्हें डोसे के साथ दी गई चटनी में जहर मिलाकर दिया गया था. मुझे लंच अच्छा नहीं लगा. इसलिए चटनी के साथ थोड़ा सा डोसा खाया. इस कारण केमिकल पेट में नहीं टिका. हालांकि, इसके असर से दो साल बहुत ब्लीडिंग हुई.”
इसरो वैज्ञानिक ने कहा कि दूसरा हमला चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के दो दिन पहले हुआ. 12 जुलाई, 2019 को हाइड्रोजन साइनाइड से मारने की कोशिश हुई. हालांकि, एनएसजी अफसर की सजगता से जान बच गई. मेरे हाईसिक्योरिटी वाले घर में सुरंग बनाकर जहरीले सांप छोड़े. तीसरी बार सितंबर, 2020 में आर्सेनिक देकर मारने की कोशिश हुई. इसके बाद मुझे सांस की गंभीर बीमारी, फुंसियां, चमड़ी निकलना, न्यूरोलॉजिकल और फंगल इंफेक्शन समस्याएं होने लगीं.
उन्होंने कहा कि ये हमले किसी आम इंसान के दिमाग की उपज नहीं हैं, इसमें अंतरराष्ट्रीय लोग शामिल हैं. ऐसे हमलों का उद्देश्य सैन्य और कमर्शियल महत्व के सिंथेटिक अपर्चर रडार बनाने वाले वैज्ञानिकों को निशाना बनाना या रास्ते से हटाना होता है.
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दवा की पर्ची फेसबुक पर डाली
उन्होंने लिखा कि जुलाई 2017 में गृह विभाग के सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें आर्सेनिक से खतरे के बारे में सावधान किया था. उनके द्वारा डॉक्टरों को दी गई जानकारी के चलते ही उनका सटीक इलाज हुआ और वह बच सके. हालांकि, जहर का शरीर पर इतना बुरा असर हुआ कि उन्हें लंबे वक्त तक इलाज करवाना पड़ा. उन्हें सांस लेने में दिक्कत, फंगल संक्रमण और त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं हुईं. उन्होंने फेसबुक पर अपनी जांच रिपोर्ट, इलाज के पर्चा और त्वचा संबंधी दिक्कतों की फोटो भी पोस्ट की है.