मातृशक्ति समागम – राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर 18 में स्थित विश्व हिन्दू परिषद शिविर में लखनऊ, मेरठ क्षेत्र की मातृशक्ति समागम संपन्न हुआ। अनादिकाल से ही भारतीय महिलाओं ने समाज में प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। वह अपनी ऊर्जा, दूरदर्शिता, उत्साह और दृढ़ संकल्प के बल पर हर चुनौती का सामना करने में सक्षम रही है।
कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को संगठित करना, समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे छुआछूत और भेदभाव को समाप्त करना और समाज में समानता का भाव जागृत करना था। साथ ही, यह कार्यक्रम महिलाओं को आत्मरक्षा के प्रति सक्षम बनाने और हिन्दू समाज के जीवन मूल्यों का रक्षण एवं संवर्धन करने पर केंद्रित था। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता साध्वी दीदी माँ ऋतम्भरा जी रही। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज में शौर्य का बोध जागृत करना समय की आवश्यकता है। जब समाज के हर वर्ग में शक्ति और संकल्प का संचार होता है, तब राष्ट्र निर्माण की दिशा में ठोस कदम ऊठाये जा सकते हैं। संकल्प में यदि विकल्प न हो, तो वह सिद्धि की ओर ले जाता है।
विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार जी ने अपनी जड़ों को पहचानने का आह्वान करते हुए पंचव्रत यथा कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, स्व का बोध, पर्यावरण सुरक्षा और नागरिक कर्तव्य पर बल दिया। उन्होंने विचारों में हिन्दू धर्म और संस्कृति की समझ को वर्तमान की सबसे बड़ी आवश्यकता बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश विजयलक्ष्मी जी ने की। कार्यक्रम में मिलिन्द पराण्डे जी केन्द्रीय संगठन महामंत्री, कोटेश्वर शर्मा जी केन्द्रीय संगठन संयुक्त महामंत्री, नीरज दौनेरिया कार्यक्रम में उपस्थित थे। कल्पलता जी (पूर्व कुलपति) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।