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अयोध्या – प्रखर ताप में भी बालक राम के दर्शन को आतुर श्रद्धालु

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अयोध्या. आराध्य बालक राम के दर्शन की तड़प, तलब जैसी होती है. सूर्य की किरणों की आभा बिखरने के साथ ही श्रद्धालुओं के पद्चाप सुनाई पड़ने लगते हैं. यह पद्चाप मन्दिर पहुंचते-पहुंचते ‘जयकारे’ में बदल जाते हैं. जून की रिकॉर्ड तोड़ गर्मी में भी औसतन एक लाख से अधिक श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन व आरती करते हैं. शनिवार, रविवार, मंगलवार को दर्शनार्थियों की संख्या इससे अधिक रहती है.

मध्यान्ह का प्रखर ताप भी श्रद्धालुओं के उत्साह को कम नहीं कर पा रहा. नवयुवक, बाल-वृद्ध, अशक्त-अस्वस्थ सब में अपने आराध्य के दर्शन की एक जैसी लालसा दिख रही है. व्हील चेयर के दर्शनार्थियों की कायिक भाषा देखते ही बनती है. वे दर्शनमार्ग पर भजन व आराध्य की स्तुति की मुद्रा में रहते हैं.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अनुसार जून की गर्मी में भी औसतन एक लाख से अधिक श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन व आरती करते हैं. शनिवार, रविवार व मंगलवार को दर्शनार्थियों की संख्या इससे कहीं अधिक रहती है. दानवीरों की संख्या में भी उछाल है. मौसम की इस प्रतिकूलता में दर्शनार्थियों का उत्साह बरकार रखने में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने भी व्यवस्थाएं की हैं.

श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी आवश्यकताएं – जैसे पेयजल, छायादार मार्ग, प्रतीक्षालय, चिकित्सालय  और समान रखने की व्यवस्था होती है. मन्दिर निर्माण के साथ ही यात्री सेवा केंद्र और सुविधा केंद्र का निर्माण हुआ है. दर्शनार्थियों को धूप से बचाने के लिये मन्दिर के सम्पूर्ण प्रवेश व निकास द्वार (लगभग 900 मीटर) पर जर्मन हैंगर लगाए गए हैं. सुरक्षा व सुविधा की दृष्टि से प्रवेश मार्ग पर स्टील की बैरिकेडिंग की गई है. श्रद्धालुओं के बैठने के लिये बेंच लगाए गए हैं. श्रद्धालुओं के पैर जलने से बचाने के लिये सम्पूर्ण प्रवेश व निकास मार्ग पर मोटी चटाई बिछाई गई है. जर्मन हैंगर के नीचे थोड़ी – थोड़ी दूरी पर पंखा, कूलर व पेयजल की व्यवस्था की है.

प्रवेश द्वार के बगल में यात्री सेवा केंद्र में लगभग एक हजार दर्शनार्थियों के विश्राम की व्यवस्था है. महिला व पुरूष के लिये अलग-अलग 40 शौचालय हैं. सामान रखने के लिये लॉकर की सुविधा है. इसी भवन से व्हील चेयर का संचालन होता है. यहां दान, पास, स्वागत और पूछताछ का पटल है. शीतल पेयजल के लिए आरओ संयंत्र लगाया गया है. होम्योपैथी व एलोपैथी का चिकित्सालय भी चल रहा है. दर्शनमार्ग मार्ग पर बाईं तरफ दो विशाल यात्री सुविधा केंद्र बनाए गए हैं. यहां काउंटर पर लॉकर में सामान रखने की व्यवस्था है. भवन में वातानुकूलित प्रतीक्षालय हैं. यहां दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के जूता चप्पल, मोबाइल व अन्य सामान प्रतिदिन रखने की क्षमता है. भवन के अंदर और बाहर कई स्थानों पर कूलर, पंखा व पेयजल के संयंत्र लगाए गए हैं.

ट्रस्टी डॉ. अनिल कुमार मिश्र के अनुसार ट्रस्ट दर्शनार्थियों के स्वास्थ्य को लेकर भी सजग है. मन्दिर के यात्री सुविधा केंद्र में 10 बेड का एक चिकित्सालय संचालित है. दो अन्य चिकित्सालय तात्कालिक सेवाएं दे रहे हैं. दो चिकित्सा इकाई उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भी संचालित हैं. आपातस्थिति के लिये चार एम्बुलेंस उपलब्ध रहती हैं. इनमें से एक इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट से युक्त एम्बुलेंस है.

सरकारी त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही ट्रस्ट ने एक प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी के लगभग 400 जवानों को तैनात कर रखा है. परिसर को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी स्वच्छ भारत विकास ग्रुप (बी बी जी) को सौंपी गई है.

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