अलवर. राजस्थान अपनी आन, बान और शान के लिए जाना जाता था. लेकिन आज हर दिन औसतन 16 बच्चियां, युवतियां, महिलाएं दुराचार का शिकार हो रही हैं और देश भर में सर्वाधिक रेप दर 15.9 (IPC Crime 2019 की रिपोर्ट) वाले राजस्थान की पहचान रेपिस्थान के रूप में बन चुकी है. घटनाओं पर अंकुश लगाने में वर्तमान सरकार विफल साबित हो रही है. राज्य में छोटी-छोटी बच्चियां तक सुरक्षित नहीं हैं. हालात ऐसे हैं कि घर से बाहर पांव रखना भी खतरे से खाली नहीं.
ताजा घटनाक्रम अलवर जिले के रामगढ़ का है. 29 जून की शाम एक 12 साल की नाबालिग बच्ची घर के बाहर बने बाड़े में पशुओं को चारा डालने निकली, वहां आजाद पुत्र जुबेर ने उसे पकड़ लिया और मुंह दबाकर खेत में उठा ले गया. जफ्फार व वसीम पहले से ही वहां मौजूद थे. तीनों ने उसके साथ रेप किया और घटना के बारे में किसी को बताने पर नाना व भाई को जान से मार देने की धमकी दी. इसके बाद तीनों उसे बेहोशी और लहूलुहान अवस्था में खेत में ही छोड़कर भाग गए. बच्ची किसी तरह घर पहुंची, लेकिन उसने रात में परिजनों को कुछ नहीं बताया. सुबह तक वह दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाई और परिजनों के सामने पूरा मामला खुल गया.
जानकारी में आया है कि बच्ची बहुत निर्धन परिवार से है. पिता ट्रक ड्राइवर है और मां भटिंडा में मजदूरी करती है. नाबालिग, छोटे भाई के साथ रामगढ़ में अपने नाना के पास रहती है. आरोपी दुष्कर्मी भी पीड़िता की ननिहाल के ही रहने वाले हैं. घटना का समाचार मिलने पर पिता बच्ची के पास अपनी ससुराल आया और उसने 2 जुलाई को पुलिस में मामला दर्ज कराया. तीनों आरोपियों के विरुद्ध पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत सुनवाई होगी. लेकिन आरोपी आजाद, जफ्फार व वसीम बच्ची के परिवार को धमकाकर समझौते के प्रयास में लगे हैं.