बेटमा. जबरन, लोभ-लालच, छल-कपट से धर्मांतरण को लेकर रोकने के लिए मध्यप्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम लागू है. इसके बावजूद मिशनरी लोभ-लालच देकर धर्मांतरण के गोरखधंधे में लगे हुए हैं.
बेटमा थाना क्षेत्र के ग्राम रंगवासा में रविवार को प्रार्थना करवाने के बहाने लालच देकर धर्मांतरण करवाने का मामला प्रकाश में आया है. महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है. जिसे लेकर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है.
ग्राम रंगवासा की लीलाबाई पति सीताराम जाति भील (50 वर्ष) ने बेटमा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई कि मानू डामोर व उसकी पत्नी आशा डामोर निवासी टीडीएस कॉलोनी बेटमा से रंगवासा आए थे. मैं, मेरी भाभी के यहां उनका हालचाल जानने के लिए गई थी. वहां उन्होंने (मानू और आशा) थोड़ी बातचीत के पश्चात मुझसे कहा कि तुम ईसाई धर्म अपना लो, तुम्हारे सारे दुःख दूर हो जाएंगे और हम तुम्हें 3 हजार रुपये महीना भी दे देंगे. यदि तुम ईसाई धर्म नहीं अपनाती हो तो तुम जीवन भर ऐसे ही दुःखी रहोगी और घुट-घुट कर मर जाओगी.
लीलाबाई की शिकायत पर बेटमा पुलिस ने मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में ले लिया है.
हिन्दू संगठन पहुंचे थाने
लालच देकर धर्मांतरण करवाने की घटना की जानकारी जैसे ही हिन्दू संगठनों को मिली तो वे तुरंत थाने पहुंचे और घटना की निंदा करते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने की मांग की. इधर, प्रशासनिक अधिकारी एसडीओपी आशुतोष मिश्र, तहसीलदार बजरंग बहादुर भी बेटमा थाने पहुंचे तथा मामले की जानकारी ली.