चित्रकूट. भारतरत्न नानाजी देशमुख और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के विचारों पर आत्मनिर्भर भारत की जो संकल्पना है, उसे बढ़ाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जोर-शोर से लगे हुए हैं. उसी के अंतर्गत खादी ग्रामोद्योग आयोग के माध्यम से स्फूर्ति परियोजना के माध्यम से ग्रामीण भारत में बेरोजगारी को दूर करने के लिए 5 हजार क्लस्टर के माध्यम से 25 लाख लोगों को रोजगार से जोड़ने की पहल की जा रही है. क्योंकि गांव के लोग खेती और छोटे-छोटे पारंपरिक कुटीर उद्योगों पर निर्भर रहते हैं. इसके लिए सरकार की पारंपरिक उद्योगों को पुनर्जीवित और विकसित करने के निमित्त बनाई गई स्फूर्ति योजना कारगर साबित होगी.
भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने वर्चुअल माध्यम से स्फूर्ति योजना के शुभारंभ अवसर पर संबोधित किया. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा स्फूर्ति परियोजना के अंतर्गत विशेष रूप से एक हर्बल क्लस्टर का शुभारंभ हो रहा है. इस क्लस्टर के माध्यम से 500 स्थानीय ग्रामवासियों को रोजगार मिल सकेगा. अभी तक देशभर के विभिन्न हिस्सों में 50 क्लस्टर के माध्यम से 44 हजार आर्टिजन को काम मिला है. श्रद्धेय नानाजी, पंडित दीनदयाल जी और महात्मा गांधी जी का ग्राम विकास का जो सपना है, उसे पूरा करने के लिए देश के प्रत्येक गांव में 2 उद्योग स्थापित करने होंगे. आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में हमारे यहां की बनी कई चीजें आज विदेशों में जा रही हैं. उत्पादों के विपणन के लिए उचित प्लेटफार्म मिले, उसके लिए सरकार एक पोर्टल तैयार कर रही है. नानाजी के सपनों को पूरा करने के लिए हर गांव में गोबर से ऑयल पेंट बनाने का एक कारखाना शुरु करना होगा. ताकि पशुपालकों को गोबर का मूल्य मिल सके और रोजगार भी सृजित हो सके. इसके लिए दीनदयाल शोध संस्थान को भी 100 क्लस्टर तैयार करने का बीड़ा उठाना होगा.
कार्यक्रम का संचालन करते हुए दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव अतुल जैन ने कहा कि नानाजी का नवाचार पर बहुत जोर था. उनका मानना था कि गांव के लोग कृषि के साथ-साथ अन्य सभी क्षेत्रों में भी आत्मनिर्भर बने ताकि हर समाधान का विकल्प स्वयं ढूंढ सकें.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक मदन दास देवी ने अपने संदेश में कहा कि नानाजी ने समग्र ग्राम विकास का जो मॉडल खड़ा किया है, उसको मूर्त रूप देने में लगे सभी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं.
खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन विनय सक्सेना ने कहा कि केवीआइसी के माध्यम से जो क्लस्टर चित्रकूट में बनाया गया है, वह आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा.
उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की चिंता करते हुए नानाजी ने जो संदेश दिया है, वह हम सबके लिए अनुकरणीय है. डॉ एसपी तिवारी, कुलपति नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय जबलपुर ने भी अपने उद्बोधन में नानाजी को श्रद्धांजलि अर्पित की.
मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि नानाजी ने त्याग करने के बाद जो तपस्या की, उसके आधार पर वह राष्ट्र ऋषि कहलाए. नानाजी के आदर्शों पर चलना बहुत कठिन है, उनके आदर्शों को हम अपने जीवन में आत्मसात कर सकें, यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी. पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रभात झा ने कहा कि नानाजी एक शब्द नहीं है, नानाजी एक कृतित्व है – एक प्रेरणा हैं. उनके स्वरूप को देखना है तो चित्रकूट आकर देखें.
केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि जिस लक्ष्य को लेकर नानाजी ने जो प्रकल्प खड़ा किया है हम सब यही चाहते हैं कि समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों का ध्येय भी वही बने.
नानाजी देशमुख उत्कृष्ट कृषक सम्मान-2021
चित्रकूट एवं सतना जिले के प्रगतिशील कृषकों को कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से नानाजी देशमुख उत्कृष्ट कृषक सम्मान प्रदान किया गया. जिसमें दोनों जिलों के ऐसे उन्नतशील कृषक जिन्होंने खेती को लाभ का धंधा बनाने, परंपरागत पोषकीय अनाज उत्पादन, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, पशु पालन, परंपरागत किस्मों का संरक्षण, कृषि ज्ञान दूत, जलवायु अनुकूल कृषि आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया है, उन कृषकों को यह सम्मान मंचासीन मंत्रियों द्वारा दिया गया.
सतना जिले से प्रथम – शिव कुमार सिंह ग्राम देवीपुर (सोहावल), द्वितीय- तरुण सिंह ग्राम अमिलिया (मझगवां), तृतीय- सुखेंद्र सिंह गौड़ ग्राम भरगवां (मझगवां) को दिया गया. इनके अलावा 19 अन्य कृषकों को विशिष्ट सम्मान प्रदान किया गया. कृषि विज्ञान केंद्र, गनीवां चित्रकूट के अंतर्गत प्रगतिशील कृषकों को प्रमाण पत्र एवं किट का वितरण किया गया.
जिसमें उन्नतशील कृषकों को जैविक खेती एवं पशुपालन, समेकित खेती (कृषि विविधीकरण), मूल्य संवर्धन (प्रसंस्करण), संरक्षित खेती (उद्यानिकी) आदि क्षेत्रों के चयनित दो-दो कृषकों को सम्मानित किया गया. जिनमें ग्राम कल्ला के देवराज पटेल एवं भगवानदीन को सब्जी उत्पादन के लिए एवं ग्राम आनंदपुर के अवधेश पटेल को बीज उत्पादन तथा ग्राम डड़िया के रमेश पांडे को जैविक खेती के लिए एवं भंभई की राजा बेटी को पशुपालन एवं राम रुचि को जैविक खेती व अंतिम कुमार को बीज उत्पादन के लिए एवं सेमरिया के श्रीधर त्रिपाठी को जैविक खेती और कंधवनिया के पुष्पराज को पशुपालन के साथ जैविक खेती व लव कुश साहू तौरा को समन्वित खेती मॉडल के लिए डीबीटी बायोटेक किसान हब परियोजना अंतर्गत उत्कृष्ट कृषक सम्मान के लिए चयनित किया गया.
रामबाई त्रिपाठी, ग्राम बारी अमराई, मझगवां को परंपरागत पोषकीय आहार ज्ञान के लिए, पार्वती विश्वकर्मा ग्राम चुआ, मझगवां को पोषकीय गृह वाटिका के लिए विशेष सम्मान प्रदान किया गया.