कोरबा.
लोकहित और परोपकार की भावना से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा देना अपने आप में चुनौती भरा काम होता है. ऐसा काम करने वाले लोग समाज में विरले होते हैं. कोरबा जिले के डॉ. देवाशीष मिश्रा को ऐसे ही कार्यों के लिए नई दिल्ली में आयोजित समारोह में वर्ष 2022 का सेवा सम्मान दिया गया. इसमें नगद राशि, प्रशस्ति पत्र, मंजूषा और अंगवस्त्र शामिल है. डॉ. मिश्रा ने इसे कोरबा क्षेत्र की जनता का सम्मान बताया है.
नई दिल्ली में कन्वेंशन सेंटर में 27वां भाऊराव देवरस स्मृति सेवा सम्मान समारोह 2 अप्रैल को आयोजित किया गया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भय्याजी जोशी ने सम्मान प्रदान किया. प्रतिवर्ष सेवा न्यास अखिल भारतीय स्तर पर सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों का ब्यौरा प्राप्त करता है और इस आधार पर निर्णय लेता है. सेवा कार्यो की विशेषता और कार्यक्षेत्र की व्यापकता के आधार पर सेवाभावी लोगों को उपरोक्त सम्मान दिए जाते हैं. इसी कड़ी में डॉ. देवाशीष मिश्रा को सम्मानित किया गया. गौमुखी सेवाधाम देवपहरी के साथ जुड़कर पिछले 20 वर्षों से डॉ. मिश्रा आसपास के 40 ग्रामों के लोगों की चिकित्सा निःशुल्क करते आ रहे हैं. कार्य में उनकी धर्मपत्नी डॉ. सरिता मिश्रा भी समान रूप से भागीदारी करती रही हैं. देवपहरी आश्रम परिसर में आरोग्य मंदिर नाम के चिकित्सालय की स्थापना और उसका संचालन भी इसी उद्देश्य से किया जा रहा है.
सम्मान समारोह में भय्याजी जोशी ने कहा कि आज के युग में सबसे बड़ी आवश्यकता सेवा की है और इसके माध्यम से हम बहुत बड़े समाज को जोड़ने का काम कर रहे हैं. अखिल भारतीय स्तर पर इस तरह की गतिविधियां भली-भांति चल रही हैं और सबसे हर्ष का विषय यह है कि समाज पूरी गंभीरता से ऐसे कार्यों को स्वीकार कर रहा है. ऐसे कार्यों को बढ़ाने के लिए हमारे पास बेहतर योजना है और उसे अंजाम देने वाले समर्पित कार्यकर्ता.
डॉ. देवाशीष ने कोरबा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से काम करने के दौरान हुए अपने अनुभव साझा किये. उन्होंने बताया कि कई मौकों पर प्रतिकूल परिस्थितियां निर्मित हुईं, लेकिन हर बार देव योग से सब कुछ बेहतर किया. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के साथ इतने वर्षों में जो जुड़ाव हुआ है, वह अद्भुत और कल्पनातीत है. उन्होंने सेवा कार्यों को निरंतर जारी रखने का विश्वास व्यक्त किया.