करंट टॉपिक्स

भोजशाला सर्वेक्षण – एएसआई ने बंद कमरे से हिन्दू देवताओं की मूर्तियां और 79 से अधिक कलाकृतियां खोजीं

Spread the love

न्यायालय के आदेश के पश्चात धार स्थित भोजशाला में पुरातत्व विभाग (एएसआई) द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण का 80वां दिन महत्वपूर्ण रहा है. पुरातत्व विभाग की सर्वेक्षण टीम को परिसर में स्थित एक बंद कमरे में से हिन्दू देवताओं की मूर्तियां और 79 से अधिक कलाकृतियां और अवशेष मिले हैं. हिन्दू पक्ष ने 09 जून के दिन को ऐतिहासिक बताया है, क्यों भोजशाला में सर्वेक्षण के दौरान सबसे अधिक संख्या में कलाकृतियाँ प्राप्त हुई हैं.

पुरातत्व विभाग के सर्वेक्षण के 80वें दिन भोजशाला में सीढ़ियों के नीचे बंद आठ गुणा दस फीट के कमरे में भगवान गणेश, मां वाग्देवी, मां पार्वती, महिषासुरमर्दिनी, हनुमान जी एवं अन्य देव प्रतिमाएं तथा सनातनी आकृति वाले शंख चक्र, शिखर सहित करीब 79 अवशेष मिले हैं. इन अवशेषों के प्राप्त होने से हिन्दू पक्ष का दावा मजबूत हो गया है. अब इस बात में कोई संशय शेष नहीं है कि भोजशाला मूल रूप से हिन्दू आस्था का स्थान ही रहा है.

11 मार्च को धार जिले में स्थित भोजशाला के संबंध में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने पुरातत्व विभाग को छह सप्ताह में भोजशाला का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था. एएसआई 22 मार्च को सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ किया. मुस्लिम पक्ष ने सर्वेक्षण को रोकने के लिए आपत्तियां दर्ज करवाई गई. उधर, एएसआई ने भोजशाला में उत्खनन के लिए अतिरिक्त समय की मांग की, जिस पर न्यायालय ने विरोधी पक्ष की सारी आपत्तियों को खारिज करते हुए सर्वेक्षण के लिए, आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय प्रदान किया.

निरंतर उत्खनन के दौरान भोजशाला से कई प्राचीन अवशेषों की प्राप्ति हुई है. प्रारंभिक सर्वे के बाद एएसआई ने जीपीआर तकनीक और जीपीएस मशीनों से सर्वे करने का निर्णय किया. जीपीआर तकनीक द्वारा जमीन के अंदर लगभग 50 फीट गहराई तक अवशेषों की उपस्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है.

सर्वे के दौरान उपस्थित प्रत्यक्षदर्शी याचिकाकर्ताओं के अनुसार, भोजशाला की दीवारों को केमिकल ट्रीटमेंट से साफ करने के बाद कई आकृतियां स्पष्ट हो गई. गर्भगृह के सामने वाले स्तंभ पर भगवान श्री राम, श्री कृष्ण, भगवान शंकर और परशुराम जी की आकृतियां साफ साफ देखी जा सकती हैं. एक अन्य स्थान पर पत्थर में उकेरे हुए, पर्वत ले जाते हुए हनुमान जी की आकृति भी साफ दिखाई दे रही है. खुदाई में मंदिर के शिखर की आधारनुमा आकृति प्राप्त हुई है. तीन बड़े पत्थर मिले हैं, जिन पर अलग-अलग आकृतियां बनी हुई हैं. शिलालेख, मूर्तियां, पाषाण के टुकड़े, स्तंभ के टुकड़े, सिक्के, तीर, भाले, तलवार और खंडित मूर्तियां भी प्राप्त हुई हैं. एक विशेष शिलालेख मिला है, जिस पर सूर्यदेव की आठ स्वरूपों की आकृतियां उत्कीर्णित दिखाई दे रही हैं. संगमरमर के पत्थर की एक मूर्ति प्राप्त हुई है.

एक जानकारी के अनुसार, लगभग डेढ़ हजार से अधिक अवशेषों को संग्रहित कर लिया गया है. पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञों ने,  भोजशाला के विभिन्न स्थानों से कार्बन डेटिंग प्रक्रिया हेतु भी सैंपल लिए हैं, जिसके आधार पर भोजशाला के वर्तमान भवन की प्राचीनता का अनुमान लगाया जाएगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *