नई दिल्ली. भूटान भीम-यूपीआई एप को अपनाने वाला दूसरा और भीम यूपीआई क्यूआर कोड आधारित भुगतान प्रणाली अपनाने वाला पहला देश बना है. इससे पहले सिंगापुर भीम-यूपीआई एप को अपना चुका है. साथ ही रुपे कार्ड को भी यूएई, सिंगापुर और भूटान अपना चुके हैं.
भूटान ने भीम-यूपीआई को अपने यहां लागू किया है. मंगलवार को एक आभासी कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भूटान के वित्त मंत्री ल्योंपो नमगेय शेरिंग ने संयुक्त रूप से भूटान में भीम यूपीआई एप को लांच किया.
भूटान दुनिया का पहला देश है, जहां भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के मानकों के आधार पर क्यूआर (QR) कोड तैयार किया जाएगा. इसके अलावा दुनिया में केवल भूटान में ही भीम-यूपीआई के साथ भारत का रुपे कार्ड भी प्रयोग किया जाता है. भारत एवं भूटान के बीच रुपे कार्ड की स्वीकार्यता पहले ही क्रियान्वित हो चुकी है. भीम यूपीआई के क्रियान्वित होने से भारत एवं भूटान के भुगतान इन्फ्रास्ट्रक्चर एक-दूसरे से अच्छी तरह से जुड़ गए हैं.
एप लॉंचिंग के अवसर पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत से सालाना दो लाख से अधिक लोग भूटान घूमने जाते हैं. भीम एप शुरू होने से उन्हें वहां लेन-देन में आसानी होगी. लॉंच के बाद वित्त मंत्री ने भूटानी ओजीओपी आउटलेट से जैविक उत्पाद खरीदने के लिए भीम-यूपीआई से लेन-देन किया. यह आउटलेट भूटान में स्थानीय समुदायों द्वारा जैविक रूप से बनाए गए ताजा कृषि उत्पाद बेचता है. वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भीम-यूपीआई भारत में डिजिटल लेनदेन का बड़ा मंच बना. 2020 में यूपीआई के जरिए 457 अरब डॉलर का करोबार हुआ, जो देश के लगभग 15 प्रतिशत जीडीपी के बराबर है.
भूटान में भुगतान
भारत इंटरफेस फॉर मनी (बीएचआईएम) भारत का डिजिटल भुगतान एप्लिकेशन है जो यूपीआई के माध्यम से काम करता है. यह तत्काल रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली है. यूपीआई कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन में सक्षम बनाता है. देश के नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीएल) की अंतरराष्ट्रीय शाखा एनपीसीएल इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनपीआईएल) ने भूटान की रॉयल मॉनेटरी अथॉरिटी (आरएमए) के साथ साझेदारी की घोषणा की है. इसी के तहत वहां भीम यूपीआई क्यूआर आधारित भुगतान किए जा सकेंगे.
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 मई, 2018 को सिंगापुर में भीम, रुपे कार्ड और एसबीआई एप को लांच किया था. रुपे से सिंगापुर की 33 साल पुरानी नेटवर्क फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रांसफर्स (एनईटीएस) को जोड़ा गया गया था. यानी रुपे के उपयोगकर्ता सिंगापुर में उन सभी जगहों पर भुगतान कर सकते थे, जहां एनईटीएस स्वीकार्य था. इसके बाद, नवंबर 2019 में पहली बार सिंगापुर फिनटेक महोत्सव में क्यूआर कोड आधारित भुगतान सेवा भीम-यूपीआई का वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन किया गया. इससे पहले अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई के बाजार में रुपे कार्ड की पेशकश की थी. तब संयुक्त अरब अमीरात पश्चिम एशिया का पहला देश बन गया था, जिसने इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की भारतीय प्रणाली को अपनाया.
इनपुट – पाञ्चजन्य