पटना (विसंकें). बिहार ने चीनी उत्पादों को लेकर अपनी ताकत दिखाई है. गलवान घाटी में चीन के कुकृत्यों ने बिहारवासियों के अंतर्मन को झकझोर दिया. यहां के लोगों की भावना चीनी उत्पादों के खिलाफ हो गई. बिहार में चीनी उत्पादों का बाजार तेजी से सिमटता जा रहा है. जहां राज्य में 600 करोड़ रुपये का कारोबार होता था, वह अब सिमटकर 300 करोड़ पर आ गया है. यह आंकड़ा अभी और कमे होगा. बिहारवासी सिर्फ देशी विकल्प की तलाश में हैं.
बिहार में चीन के ब्रांडेड मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स के सामानों का कारोबार प्रतिमाह लगभग 500 करोड़ रुपये का है. ग्रे सेगमेंट भी करीब 100 करोड़ रूपये का है. इसके अलावा चायनीज लाईटिंग, सजावटी आइटम और घरेलू उपकरण में भी लगभग 300 करोड़ रूपये का प्रतिमाह कारोबार होता है. भारत-चीन के बीच तनाव का असर है कि इन उत्पादों का बाजार 50 प्रतिशत कम हो गया है. बाजार में गैर चीनी उत्पादों की मांग बढ़ गई है. सैमसंग, नोकिया समेत अन्य गैर चीनी मोबाइल की बिक्री दोगुनी हो गई है.
पटना के प्रख्यात ट्विन टावर में चाइनीज़ मोबाइल के चर्चित ब्रांड एमआई के प्रीफड पार्टनर राजन आर्या ने कंपनी को इ-मेल भेजकर सूचना दे दी है कि वे अब इस चीनी ब्रांड के साथ काम नहीं करेंगे. लोगों की भावना को देखते हुए उन्होंने चीन के एमआई ब्रांड से नाता तोड़ने का फैसला लिया है. ऐसे कई अन्य वितरक भी चीन की कंपनियों से नाता तोड़ने के प्रक्रिया में हैं. ऐसे वितरक चीन के उत्पादों की तलाश में हैं.
महात्मा बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया के होटल एसोसिएशन में भी अपने यहां चीनी पर्यटकों और चीनी उत्पादों से तौबा कर लिया है. यहां 100 से अधिक होटल हैं. बोधगया विश्व का एक प्रख्यात पर्यटक स्थल है. यहीं भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था. विश्व से लाखों पर्यटक प्रतिवर्ष यहां आते हैं. इनमें कई चीनी पर्यटक भी होते हैं. लेकिन गलवान घाटी में चीन के हमले को देखते हुए व्यवसायियों ने तय किया कि वे चीनी पर्यटक और चीनी वस्तुओं से अपना नाता तोड़ लेंगे.
संयुक्त बिहार (अब झारखंड) के जमशेदपुर के पांच सितारा होटल के मालिकों ने भी फैसला किया कि वे चीनी कंपनियों के साथ कोई काम नहीं करेंगे. जमशेदपुर के दो उद्यमी हरजीत सिंह रॉकी और हरपिंदर सिंह रॉकी ने अपने पांच सितारा होटल के लिए चीनी कंपनी का करार रद्द कर दिया है. ‘भारतीय समाज-हमारा अभियान’ के तहत उन्होंने चीन के कंपनी से हुये अपने 5 करोड़ रूपये के करार को रद्द कर दिया. हालाकि, इससे उन्हें 70 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है. ये राशि उन लोगों ने अग्रिम भुगतान के तौर पर दी थी. आदित्यपुर सेकेंड फेज में बन रहे सूरज हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड पांच सितारा होटल के लिए चीन की कंपनी को दिये सारे आर्डर रद्द कर दिये. नवनिर्मित होटल के 72 कमरों का फर्नीचर, बिजली उपकरण एवं साज-सज्जा के सामान इस पैसे से आने थे.