पटना. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश में भ्रम फैलाने का क्रम अभी भी रुका नहीं है. अभी भी संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है. कानून के संसद से पारित होने के पश्चात भ्रम फैलाकर विरोध में प्रदर्शन करवाए गए व हिंसा को अंजाम दिया गया. वहीं, कानून के प्रति जागरूकता को लेकर देशभर में रैलियों और संगोष्ठियों का भी आयोजन हुआ. लेकिन, कानून को लेकर अब भी भ्रामक प्रचार हो रहा है. अब इसी को लेकर एक बड़ा मामला बिहार के दानापुर से सामने आया है. दानापुर कैंट स्थित एक स्कूल में संचालित ज्ञान-विज्ञान रैम्बो होम में छात्राओं को एनआरसी और सीएए कानून के बारे में जिस तरह पढ़ाया जा रहा था, उसको लेकर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया है.
राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने विषयवस्तु एवं उसे पढ़ाए जाने के तौर-तरीके पर स्वत: संज्ञान लेते हुए केस दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. दानापुर थाना आईपीसी की धारा 124ए, 153ए 505 (2) एवं अन्य के तहत केस दर्ज किया गया है.
राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो स्कूल में निरीक्षण करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने संस्थान में रखे कागजातों को देखा तो पाया कि इनके माध्यम से स्कूल में नाबालिगों को देश में बने कानूनों के खिलाफ ऐसे बताया जा रहा था, जैसे कानून उनके खिलाफ है. इसी के बाद कार्रवाई के आदेश दिए गए.
बाल संरक्षण आयोग ने इस संबंध में तीन पेज का पत्र पटना एसएसपी को भेजा था. उसकी प्रति मुख्य सचिव, डीजीपी और पटना डीएम को भी दी गई. पत्र के आधार पर ही यह केस दर्ज किया गया है.
प्रियंक कानूनगो ने अपने पत्र में लिखा कि उन्होंने वहां रखे एक रजिस्टर में दोनों ही विषयों के खिलाफ कई बात लिखी देखीं. आयोग का कहना है कि छात्र-छात्राओं को भड़काते हुए संस्था के सदस्यों ने बच्चों को यह पढ़ाया कि यदि कानून वहां रहने वाले नागरिकों के हित में नहीं है तो हम सबको मिलकर उसका विरोध करना चाहिए. हमें जरूरी दस्तावेजों को संभालकर रखना चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर वह हमारे काम आ सके. इन कागजातों में घर का दस्तावेज न होने पर बेघर करने की बात लिखी गई है, जिसे आयोग ने भड़काने वाला माना है. रजिस्टर के पेज 76 से 78 तक दोबारा ग्रुप मीटिंग का जिक्र है. इसके अनुसार, पांच लड़कियां ने एनआरसी और सीएए के बारे में फिर से लिखा है.
बाल संरक्षण आयोग के हाथ छात्रा का लिखा दस्तावेज लगा है, उसमें छात्रा ने लिखा है, ‘मेरा नाम ….. है. मैं सुबह चार बजे उठकर पढ़ती हूं और अपने फ्रेंड्स को पढ़ने को बोलती हूं. मैं सीएए/एनआरसी के विरोध में हूं, क्योंकि हमारे पास घर नहीं है तो डॉक्यूमेंट्स कहां रखेंगे.’
आयोग का कहना है कि ऐसी बातें बच्चों को देश के कानून के खिलाफ ले जाने वाली हैं. इसलिए केस दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. आयोग की ओर से लिखे पत्र को आधार बनाते हुए केस दर्ज किया गया है.