नई दिल्ली. बिहार में एक के बाद एक अनेक स्थानों पर लगातार हो रहे बम विस्फोटों ने न सिर्फ आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती खड़ी कर दी है, अपितु शासन-प्रशासन व सरकारी तंत्र की पोल भी खोल कर रख दी है. विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दिनों-दिन बढ़ती घटनाओं पर विराम लगाया जाना नितांत आवश्यक है. घटनाओं की समग्र रूप से एनआईए से जांच आवश्यक है.
बांका, अररिया, खगड़िया, सिवान, दरभंगा, भागलपुर और अब गोपालगंज अर्थात् गत 9 माह में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर हुईं बम विस्फोट की घटनाओं में दर्जनों लोग अभी तक मारे जा चुके हैं और अनेक भवन धराशायी हो चुके हैं. इन घटनाओं में जिहादी आतंक व बांग्लादेशी कनेक्शन की बू स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हो रही है.
मांग की कि गत कुछ वर्षों में हुए अनेक विस्फोटों में पुलिस प्रशासन का रवैया लीपापोती का ही रहा है. भीषण बम विस्फोटों को पटाखे कह देना और आज तक किसी भी अन्वेषण के निष्कर्ष पर न पहुंच पाना, बेहद चिंताजनक बात है.
परांडे ने कहा कि बिहार के अनेक जिले पहले से ही मुस्लिम बाहुल्य हो चुके हैं और घुसपैठ की समस्याओं से पड़ोसी राज्य झारखंड के साहिबगंज और पाकुड़ जिले भी अछूते नहीं रहे. विदेशी घुसपैठिए बांग्लादेशी विद्यार्थी भी यहां बड़े पैमाने में रहते हैं. हिन्दू, खासकर अनुसूचित जाति व जनजाति समुदाय की बेटियों को लव जिहादी लगातार अपना शिकार बना रहे हैं. दर्जनों घटनाएं इसकी गवाह हैं. अनेक हिन्दू बेटियों को जबरन अपहृत कर बंगलादेश व नेपाल ले जा चुके हैं. इनकी शिकार पूर्णिया की मनीषा सिंह जैसी अनेक बेटियों को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ा है.
घटनाओं की निष्पक्ष, त्वरित व गहन जांच नितांत आवश्यक है. यह जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए द्वारा किए जाने की आवश्यकता प्रतीत होती है. उन्होंने सरकार से मांग की कि जिहादियों व अपराधियों पर नियंत्रण, पीड़ितों को न्याय व उचित मुआवजे की व्यवस्था तुरंत करें.