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पहले 10वीं, फिर 12वीं के प्रश्नपत्र में पूछा – आजाद कश्मीर क्या है?

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भोपाल (विसंकें). इस समय पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा है. मगर देश विरोधी भावना से ग्रस्त लोग दुष्प्रचार में व्यस्त हैं. मध्यप्रदेश में लॉकडाउन के बाद बारहवीं की परीक्षा प्रारंभ की गई, जिसमें राजनीतिशास्त्र के छात्रों से एक प्रश्न पूछा गया कि “आजाद कश्मीर क्या है?”

इस प्रश्न के माध्यम से यह दर्शाया जा रहा है कि कश्मीर भारत से अलग है. जबकि वास्तविकता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इस तरह के प्रश्न से बच्चों में भ्रम पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है. देश के गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में यह बात स्पष्ट रूप से कही है कि सिर्फ पाकिस्तान अधिक्रांत कश्मीर ही नहीं, बल्कि चाइना के कब्जे वाला कश्मीर और गिलगित बलोचिस्तान भी भारत का अंग हैं और हम उसे हासिल कर के रहेंगे. तो फिर सवाल उठता है कि आखिर कौन लोग हैं जो भारत की रोटी खाकर पाकिस्तान के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं.

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बड़े अधिकारीयों की लापरवाही
बोर्ड की परीक्षाओं के लिए बनाये गए प्रश्नपत्र एक नहीं, बल्कि तीन चरणों से गुज़रता है. पहले प्रश्न बनाने वाला शिक्षक फिर मॉडरेटर और आखिर में माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधिकारी. लेकिन उसके बावजूद इतनी बड़ी गलती किसी के नजर में नहीं आई ये असंभव प्रतीत होता है. बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्न सेलेबस पर आधारित होते हैं, सेलेबस में भी कहीं आजाद कश्मीर का जिक्र नहीं है. ऐसे में यह स्पष्ट हो जाता है कि यह कारिस्तानी पेपर सेट करने वाले शिक्षक की है.
ज्ञात हो कि मार्च में 10वीं बोर्ड की परीक्षा में सामाजिक विज्ञान के प्रश्नपत्र में भी आजाद कश्मीर के ऊपर पूछे गए दो सवालों पर विवाद उत्पन्न हुआ था. प्रश्नपत्र में सही जोड़ी मिलाने वाले सवाल में आजाद कश्मीर का विकल्प दिया गया था. वहीं, दूसरे प्रश्न में भारत के मानचित्र में आजाद कश्मीर दर्शाने के लिए कहा गया था. इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रश्न पत्र सेट करने वाले अधिकारी नितिन सिंह जाट एवं कमेटी के मुख्य परीक्षक रजनीश जैन को त्रुटिपूर्ण एवं लापरवाही पूर्वक कार्य करने के कारण निलंबित कर दिया था.

 

मध्यप्रदेश में बार बार परीक्षाओं में जिस तरह से भारत विरोधी एजेंडा परोसा जा रहा है, यह इस बात की और इशारा करता है कि शिक्षा विभाग के अंदर देशविरोधी शक्तियां सक्रिय हैं. जो सुनियोजित तरीके से छात्रों में मन में अलगाववाद के बीज रोपित करना चाहते है. सरकार को जल्द से जल्द जिम्मेदार व्यक्ति पर कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए.

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