नई दिल्ली. इंडियन सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज द्वारा #CAA (नागरिकता संशोधन अधिनियम) पर सेमीनार का आयोजन किया गया. सेमीनार में लेखक, विचारक और इस्लामिक विद्वान तारिक फतेह ने कहा कि भारतीय मुसलमानों को भारत के कानून और संविधान के हिसाब से चलना चाहिए, तभी वह सच्चे भारतीय कहे जाएंगे. भारत में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जो प्रदर्शन और दंगे हो रहे हैं, उनके पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है जो भारत के बड़े शहरों में दंगे कराने का षड्यंत्र रच रही है. भारत के मुसलमानों को इस कानून पर सरकार का खुलकर साथ देना चाहिए और जो दल इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें नकारना चाहिए.
भारत की प्राचीन सभ्यता और गौरवशाली इतिहास पर उन्होंने कहा कि भारत के लोगों की प्राचीन काल से ही यह नीति रही है कि उन्होंने कभी किसी दूसरे समुदाय पर हमला नहीं किया और न ही किसी धर्म का विरोध किया. जबकि आज दुनियाभर में इस्लामिक मुल्कों में भीषण रक्तपात मचा हुआ है जो गैर वाजिब है. तारिक फतेह ने कहा कि भारत के ज्यादातर मुसलमान अल्ला के इस्लाम को न मानते हुए मुल्ला के इस्लाम को मानते हैं जो उन्हें गुनाह के रास्ते पर ले जा रहा है. नागरिकता संशोधन कानून को आवश्यक बताते हुए कहा कि भारत जैसे देश में अगर इस्लामिक देशों के सताए हुए लोगों को शरण नहीं दी जाएगी तो वह कहां जाएंगे. #CAA पर जिस तरह से जामिया, एएमयू और दूसरी यूनिवर्सिटी के छात्र विरोध कर रहे हैं, वह यह दर्शाता है कि मुस्लिम छात्रों को भारत के कानून और सरकार पर भरोसा नहीं है. जबकि वही सरकार लगातार उनकी बेहतरी और शिक्षा के लिए काम कर रही है.
सेमीनार का संचालन टी.वी. पैनलिस्ट एवं सामाजिक कार्यकर्ता अंबर जैदी ने किया. इंडियन सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज की तरफ से आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ आशीष भावे ने की. इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार अतुल सिंघल ने कहा कि तारिक फतेह जैसे इस्लामिक विद्वानों से मुस्लिम तबके के लोगों को प्रेऱणा लेनी चाहिए.