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भारत में निर्मित ‘पिनाका’ खरीद सकता है फ्रांस?

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नई दिल्ली। भारत हथियार आयातक देश से निर्यातक बनने की ओर अग्रसर हो रहा है। भारत में निर्मित हथियारों को लेकर पश्चिम की ओर से भी उत्सुकता दिखा रहा है। फ्रांस मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम पिनाका खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। यह पहली बार होगा, जब भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता हमसे हथियार खरीदेगा। संभावित डील को भारतीय रक्षा उद्योग के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है।

भारत ने अपनी रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मेक इन इंडिया के तहत स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा दिया है। साथ ही रक्षा निर्यात को भी लगातार बढ़ा रहा है। ‘फ्रांस पिनाका के लिए सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है।’ ‘अभी तक कोई सौदा नहीं हुआ है, लेकिन बातचीत जारी है।’ 90 किमी. तक रेंज वाले पिनाका रॉकेट सिस्टम को लगभग 3 महीने पहले भारत में एक फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल को दिखाया गया था।

पिनाका की विशेषता

90 किलोमीटर की दूरी तक सटीक मार करने वाले पिनाका रॉकेट मैक 4.7 (5800 किमी/घंटा) की गति तक पहुंच सकते हैं। इससे उन्हें रोकना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसके अलावा सिस्टम के वारहेड को विभिन्न युद्ध परिदृश्यों के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। पिनाका हथियार प्रणाली को पारंपरिक रूप से गतिशीलता के लिए टाटा ट्रक पर लगाया जाता है। हथियार प्रणाली जमीनी बलों को दुश्मन के क्षेत्र के अंदर हमले का विकल्प देती है। यह महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की क्षमता भी रखती है।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 से 2023 के बीच रूस के बाद फ्रांस दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक था। पिनाका रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल भारतीय सेना करती है और इसे भारत-पाकिस्तान के बीच 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान तैनात किया गया था।

नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्रीज और म्युनिशन इंडिया लिमिटेड ने मिलकर पिनाका मिसाइल प्रणाली को विकसित किया है। इसका नाम भगवान शिव के धनुष ‘पिनाका’ के आधार पर रखा गया है। फ्रांस ने भी मिसाइल सिस्टम को खरीदने में रुचि दिखाई है।

इससे पहले मध्य एशियाई देश अर्मेनिया को भारत ने पिनाका मिसाइल को लेकर रुचि दिखाई थी। पिनाका हथियार प्रणाली की आपूर्ति के लिए भारतीय कंपनियों ने अर्मेनिया के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके पश्चात पिनाका हथियार प्रणाली को अर्मेनिया भेजा जा चुका है।

रक्षा क्षेत्र में यह भारत के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। अर्मेनिया के अलावा दक्षिण-पूर्व एशिया और यूरोपीय देशों ने भी पिनाका रॉकेट में दिलचस्पी दिखाई है। पिनाका मिसाइल सिस्टम के अलग-अलग वैरिएंट तैयार किए जा चुके हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने इसका सफल परीक्षण किया था।

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