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राजगढ़ में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध; सोशळ मीडिया पर श्रीगुरुजी के संदर्भ में भ्रामक पोस्ट का मामला

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भोपाल. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री माधव सदाशिवराव गोलवलकर के संबंध में फर्जी एवं भ्रामक पोस्ट डालने वाले कांग्रेस पार्टी के नेता एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के विरुद्ध राजगढ़ में मामला पंजीबद्ध किया गया है. उनके विरुद्ध आइपीसी की धारा 153-ए, 469, 500, 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

राजगढ़ निवासी अंशुल तिवारी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है. शिकायत दिग्विजय सिंह की श्री गोलवलकर जी के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के विरुद्ध विद्वेषपूर्ण, दलित-पिछड़ों, मुसलमानों-हिन्दुओं में शत्रुता, घृणा एवं वैमनस्यता पैदा कर लोगों को उकसाने वाला बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि विभिन्न वर्गों में संघर्ष के उद्देश्य से जानबूझकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने फोटोशॉप्ड फर्जी पोस्टर को फेसबुक और ट्वीटर पर पोस्ट किया है. रिपोर्ट के अनुसार तिवारी और उनके अन्य साथियों ने 8 जुलाई को श्री गोलवलकर जी के बारे में दिग्विजय सिंह की यह पोस्ट देखी थी. उक्त पोस्ट से उनके साथियों, आरएसएस कार्यकर्ताओं, समस्त हिन्दू समाज एवं उनकी स्वयं की आस्था आहत हुई एवं भावनाओं को ठेस पहुँची.

शिकायतकर्ता अंशुल तिवारी का कहना है कि श्री गुरुजी ने भेदभाव को समाप्त कर सामाजिक समरसता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था. उनके विरुद्ध मिथ्या बातें कहना दुर्भाग्यपूर्ण है.

दिग्विजय ने की थी यह भ्रामक पोस्ट –

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री माधव गोलवलकर जी के संबंध में, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा की गई पोस्ट में श्रीगुरुजी के चित्र के साथ कैप्शन लिखा – ‘गुरु गोलवलकर जी के दलितों पिछड़ों और मुसलमानों के लिए व राष्ट्रीय जल जंगल व जमीन पर अधिकार पर क्या विचार थे अवश्य जानिए’. इस पोस्ट के साथ जो पोस्टर शेयर किया गया, उसमें लिखा था – सदाशिवराव गोलवलकर ने अपनी पुस्तक WE AND OUR NATIONHOOD IDENTIFIED में स्पष्ट लिखा है, जब भी सत्ता हाथ लगे तो सबसे पहले सरकार की धन सम्पत्ति, राज्यों की जमीन और जंगल पर अपने दो-तीन विश्वसनीय धनी लोगों को सौंप दें. 95% जनता को भिखारी बना दें. उसके बाद सात जन्मों तक सत्ता हाथ से नहीं जाएगी. इस बात के नीचे श्री गोलवलकर की फोटो लगी हुई है, जिसके नीचे लिखा है – ‘मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिये तैयार हूँ. लेकिन जो दलित, पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती हो ऐसी आजादी मुझे नहीं चाहिए. गोलवलकर गुरु जी 1940’.

दिग्विजय के तथ्यहीन पोस्ट पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिक्रिया –

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने इस पोस्ट को तथ्यहीन बताया. उन्होंने दिग्विजय सिंह के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा – “श्रीगुरुजी के संदर्भ में यह ट्वीट तथ्यहीन है तथा सामाजिक विद्वेष उत्पन्न करने वाला है. संघ की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से यह झूठा फोटोशॉप्ड चित्र लगाया है. श्रीगुरु जी ने कभी भी ऐसा नहीं कहा. उनका पूरा जीवन सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने में लगा रहा”.

अन्य स्थानों पर भी एफआईआर दर्ज –

भ्रामक और तथ्यहीन पोस्ट को लेकर दिग्विजय सिंह के विरुद्ध इंदौर और उज्जैन में भी मामले पंजीबद्ध हुए हैं. इंदौर में सुदामा नगर निवासी राजेश जोशी ने इस पोस्ट को विभिन्न जाति वर्गों में शत्रुता, घृणा, वैमनस्यता पैदा करने एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छवि धूमिल वाला बताया. वहीं उज्जैन के भैरुनाला वाल्मिकी बस्ती निवासी राजकुमार घावरी ने इसे जानबूझकर अनुसूचित जाति के लोगों को नीचा दिखाने वाली बताकर जाति में विवाद कराने के उद्देश्य से की हुई पोस्ट बताया.

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