हरियाणा (विसंकें). चीन को हरियाणा से एक और बड़ा झटका लगने वाला है. हरियाणा सरकार एक और चीनी कंपनी का करार रद्द कर सकती है. हरियाणा सरकार पर अब चीनी कंपनी इकोग्रीन से भी करार रद्द करने का दबाव बढ़ रहा है. इकोग्रीन कंपनी ने हरियाणा के दो बड़े शहरों फरीदाबाद-गुरुग्राम में घर-घर से कूड़ा एकत्र करने के अलावा वैज्ञानिक ढंग से कूड़ा निस्तारण का ठेका लिया है. इससे पहले दो बिजली संयंत्रों के निर्माण के लिए चीन की कंपनियों से हुए समझौते को रद्द कर दिया गया था.
गुरुग्राम-फरीदाबाद में कूड़ा उठाने और निस्तारण के लिए चीन की कंपनी से अगस्त 2017 में करार हुआ था. कंपनी के कार्य पर पहले से सवाल उठते रहे हैं. यह करार स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष राज्य के अधिकारियों ने किया. इतना ही नहीं तब मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस करार से इतने उत्साहित थे कि चीनी कंपनियों के अधिकारियों का स्वागत भी चीनी भाषा में किया था. लेकिन, कंपनी न तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल और न ही फरीदाबाद-गुरुग्राम के निवासियों की कसौटी पर खरी उतरी. इस कारण कंपनी पर जुर्माना भी लगाया जा चुका है.
कूड़ा उठाने में आनाकानी से लेकर इकोग्रीन कंपनी के चलताऊ रवैये के कारण अभी तक कूड़े से खाद बनाने का काम भी शुरू नहीं हो पाया है. खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल गत वर्ष 7 नवंबर को जब गुरुग्राम के ओल्ड जेल रोड के दौरे पर गए थे, तब वहां कूड़े के ढेर देखकर भड़क गए. उन्होंने इकोग्रीन कंपनी पर 25 लाख रुपये जुर्माना लगाया था. अब जनमानस में चीन के खिलाफ बनते माहौल के चलते गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगम में इकोग्रीन का ठेका रद्द किए जाने की आवाज बुलंद हो रही है.
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निस्तारण नहीं होने से खड़ा हो गया 35 लाख टन कूड़े का ढेर
इकोग्रीन कंपनी को फरीदाबाद और गुरुग्राम से निकलने वाले प्रतिदिन दो हजार टन कूड़े का निस्तारण कर बिजली बनानी थी. मगर अभी तक कंपनी यहां बिजली बनाने का संयंत्र भी नहीं लगा पाई है. इसके चलते फरीदाबाद-गुरुगाम मार्ग पर 35 लाख टन कूड़े का ढेर एकत्र हो गया है. इसी जगह पर बिजली संयंत्र लगाया जाना था.
”चीन की इकोग्रीन कंपनी ने जब से कूड़ा एकत्रीकरण का काम संभाला है, तब से ही इसका काम संतोषजनक नहीं रहा. फरीदाबाद और गुरुग्राम में समय-समय पर इसकी शिकायतें आती रही हैं. इसके बारे में राज्य सरकार को पहले भी लिखा जा चुका है. अब जब वैश्विक महामारी कोविड-19 और भारत-चीन सीमा पर चीन की हरकत सामने आ रही हैं तो जनभावनाएं और ज्यादा इस कंपनी के खिलाफ हो गई हैं. हम इस कंपनी से छुटकारा चाहते हैं. सिर्फ विकल्प की तलाश में हैं. इसकी बाबत शहरी स्थानीय निकाय मंत्री से भी चर्चा हो चुकी है. – सुमन बाला, मेयर, नगर निगम, फरीदाबाद.