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चित्रकूट – पं. दीनदयाल उपाध्याय जी को 55वीं पुण्यतिथि पर दीनदयाल शोध संस्थान में दी गई श्रद्धांजलि

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चित्रकूट. दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट ने पं. दीनदयाल उपाध्याय की 55वीं पुण्यतिथि पर दीनदयाल पार्क उद्यमिता विद्यापीठ चित्रकूट में कार्यक्रम आयोजित किया. प्रातःकाल से ही संस्थान के विविध प्रकल्प गुरुकुल संकुल, उद्यमिता विद्यापीठ, सुरेन्द्रपॉल ग्रामोदय विद्यालय, आरोग्यधाम, आईटीआई तथा खादी ग्रामोद्योग आयोग प्रशिक्षण केन्द्र के प्रशिक्षणार्थी एवं बच्चों सहित कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने प्रकल्पों में दीनदयाल जी के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किये. पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन से जुड़े प्रेरणादायी प्रसंगों को दैनिक जीवन में आत्मसात करने हेतु मंचन भी किया.

संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने बताया कि राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख द्वारा 1968 में पं. दीनदयाल जी के निर्वाण के उपरांत दीनदयाल स्मारक समिति बनाकर उनके काम की नींव दिल्ली में रखी थी. नानाजी द्वारा स्मारक समिति से लेकर दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना तक के सफर में दीनदयाल जी के एकात्म मानवदर्शन को व्यवहारिक रूप में धरातल पर उतारने का कार्य सामूहिक पुरुषार्थ से करके दिखाया. कोई अकेला व्यक्ति या संगठन विकास की प्रतिमा न दिखे, बल्कि जनता स्वयं विकास की वाहक बने. उनका दृष्टिकोण था कि इसमें केवल नाममात्र की भागीदारी प्रक्रिया नहीं होनी चाहिये, बल्कि लोग स्वयं पहल करें, पुरुषार्थ करें, और विकास की प्रक्रिया के सतत् भागीदार बनें.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय का मानना था कि समाजवाद, साम्यवाद और पूंजीवाद व्यक्ति के एकांगी विकास की बात करते हैं, जबकि व्यक्ति की समग्र जरूरतों का मूल्यांकन किये बिना कोई भी विचार भारत के विकास के अनुकूल नहीं होगा. उन्होंने भारतीयता के अनुकूल पूर्ण भारतीय चिन्तन के रूप में ‘एकात्म मानवदर्शन’ प्रस्तुत किया. पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन के अनेक पक्ष, कई आयाम और अनेक कार्य हैं. कम उम्र में ही दुनिया को अलविदा कहने वाले पंडित जी की जिंदगी से जुड़े अनेक किस्से हैं, जो काफी दिलचस्प होने के साथ-साथ प्रेरणा भी देते हैं. 11 फरवरी, 1968 को मात्र 51 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कहने वाले पंडित जी की ईमानदारी, सादगी और दर्शन आज भी लोगों को सीख देते हैं.

सामूहिक कार्यक्रम में पं. दीनदयाल पार्क उद्यमिता परिसर में स्थापित लगभग 15 फीट ऊंची प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की. इसके अलावा संस्थान के सभी स्वावलंबन ग्रामीण केंद्रों पर भी दीनदयाल जी की पुण्यतिथि मनाई गई. कृषि विज्ञान केन्द्र मझगवां, गनीवां सहित आवासीय शैक्षणिक प्रकल्प रामनाम आश्रम शाला पीली कोठी, कृष्णा देवी वनवासी बालिका आवासीय विद्यालय मझगवां, परमानन्द आश्रम पद्धति विद्यालय गनीवां में पंडित दीनदयाल जी के ‘एकात्म मानवदर्शन’ पर व्याख्यानमाला आयोजित की गई.

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