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चर्च के झूठ की खुली पोल – देश को बदनाम करने के लिए  पारिवारिक जमीनी विवाद को दिया धार्मिक रंग

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उदयपुर. उदयपुर के मांडवा थाना क्षेत्र की घटना में चर्च का झूठ पकड़ा गया. चर्च द्वारा घटना को धार्मिक रंग देकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुष्प्रचार किया जा रहा था. मांडवा थाना क्षेत्र में पिछले दिनों पारिवारिक विवाद के कारण आपसी झगड़े में हुई मौत को इंटरनेशनल क्रिश्चियन कन्सर्न (आईसीसी) ने साम्प्रदायिक रूप देते हुए हिन्दुओं को आरोपी ठहरा दिया. इसकी जानकारी जब उदयपुर पहुंची तो यहां बांसवाड़ा और उदयपुर के जिला पुलिस अधीक्षकों ने स्थिति स्पष्ट करते हुए इसे फेक न्यूज करार दिया. मामले में पुलिस कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. चर्च के दुष्प्रचार से क्षेत्र के हिन्दू संगठनों में रोष व्याप्त है तथा संस्था के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है.

दरअसल, 18 मई को मांडवा थाना क्षेत्र में पारिवारिक जमीनी विवाद में हुए झगड़े में भीमा पुत्र पुना बुम्बरिया की हत्या हो गई थी. भीमा के पुत्र राजकुमार ने रिपोर्ट में बताया था कि भाई रमेश, काका नाणिया, श्रवण पर हमला हुआ. पुलिस ने मामले में सवा पुत्र धर्मा, लालू पुत्र पुना, सेजु पुत्र धर्मा, धर्मा पुत्र पुना को गिरफ्तार कर लिया था.

मामले को साम्प्रदायिक रंग देते हुए इंटरनेशनल क्रिश्चियन कन्सर्न (आईसीसी) ने अपनी वेबसाइट पर एक रिपोर्ट जारी की और रमेश को पादरी बताया. रिपोर्ट में विवाद का कारण मतांतरण बता दिया गया और आरोप हिन्दुओं पर थोप दिया. रमेश को बांसवाड़ा में कहीं पादरी बताते हुए उसके घर पर हमला होने की बात आईसीसी ने अपनी रिपोर्ट में लिखी.

मामले में बांसवाड़ा एसपी कवीन्द्र सागर ने कहा कि बांसवाड़ा में ऐसी कोई घटना नहीं हुई. जबकि, उदयपुर एसपी डॉ. राजीव पचार ने इसे पारिवारिक जमीन विवाद बताते हुए यह भी स्पष्ट किया कि इसमें धर्म जैसा कोई एंगल नहीं है और आईसीसी ने गलत रिपोर्ट किया है. भीमा की हत्या के मामले में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है.

इंटरनेशनल क्रिश्चियन कन्सर्न (आईसीसी) द्वारा गलत रिपोर्ट करने की जानकारी आने पर उदयपुर और बांसवाड़ा के हिन्दू संगठनों में रोष है. आईसीसी ने मामले को उठाकर क्षेत्र में मिशनरी द्वारा चलाई जा रही धर्मांतरण की गतिविधियों को भी स्वीकार किया है.

वनवासी कल्याण परिषद के उदयपुर जिलाध्यक्ष देवीलाल तराल का कहना है कि चर्च इस क्षेत्र में धर्मान्तरण की गतिविधियां चला रहा है और बिना वजह गाहे-बगाहे ऐसी रिपोर्ट देकर हिन्दू धर्मावलम्बियों को विश्व में बदनाम करने की साजिश करता रहता है. यह रिपोर्ट इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है. उन्होंने मांग की कि चर्च की इस दुष्प्रचार वाली रिपोर्ट पर राज्य व केन्द्र सरकार भी कानूनी कार्रवाई करे.

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