करंट टॉपिक्स

सामूहिकता संगठन के लिए अनिवार्य, समाज को अपनी शक्ति का बोध होता है – अन्नदानम सीता गायत्री

Spread the love

जालौर। राष्ट्र सेविका समिति जालौर विभाग के शाखा संगम में 21 स्थानों की शाखाएं एक ही मैदान पर लगीं। शाखा संगम में 21 स्थानों की 800 से अधिक सेविकाओं ने 16 शाखाओं के रूप में एक ही मैदान में अलग-अलग ध्वज के साथ शाखा लगाई।

राष्ट्र सेविका समिति की विभाग संचालिका नीलम कंवर ने बताया कि शाखा संगम में अध्यक्ष के रूप में मोहर कंवर जी और अतिथि के रूप में संजू शर्मा जी उपस्थित रहीं। मुख्य वक्ता के रूप में अखिल भारतीय प्रमुख कार्यवाहिका अन्नदानम सीता गायत्री का मार्गदर्शन सेविकाओं को मिला।

प्रमुख कार्यवाहिका ने सभी सेविकाओं से संवाद भी किया। उन्होंने कहा विगत 89 वर्षों से समिति अपने साधना पथ पर समाज में महिलाओं के संगठन कार्य को लगातार कर रही है।

संस्कार, संगठन की आवश्यकता पर महिला आदर्श जीजामाता का उदाहरण देते हुए कहा कि जीजामाता ने संकल्प लेकर शिवाजी जैसे पुत्र को जन्म दिया, उसकी वजह से ही हिन्दू पद-पादशाही की स्थापना हुई। अहिल्याबाई होलकर का समिति के आदर्श के रूप में स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने श्रृंगार रस वाले कवि को भक्ति रस वाले गीत रचना के लिए प्रेरित किया। समाज का एक वर्ग जो चोरी जैसे अनैतिक कार्य करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था, उनको गलत राह से हटाकर राष्ट्र रक्षक बनाया। रानी लक्ष्मीबाई का स्मरण करते हुए कहा कि 13 वर्ष की उम्र में ही उन्होंने ऐसा कार्य कर दिखाया जो हमारे लिए प्रेरणादायी है।

जालौर प्रवास पर आयोजित विभाग बैठक के उपरांत सायंकाल के शाखा संगम में जालौर विभाग यानी सिरोही, भीनमाल में जालौर की सेविकाएं सहभागी बनीं। गीत चर्चा व प्रार्थना भी सामूहिक न होकर अपनी-अपनी शाखा के स्वरूप में ही हुए, शाखा संगम में 325 प्रबुद्ध महिलाएं भी सम्मिलित हुईं।

जालौर विभाग के प्रवास पर शाखा संगम में प्रमुख कार्यवाहिका के साथ प्रांत कार्यवाहिका डॉ. सुमन रावलोत, प्रांत प्रचारिका ऋतु शर्मा, सहित अन्य प्रांत, विभाग एवं जिला की दायित्ववान सेविकाएं उपस्थित रहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *