करंट टॉपिक्स

शोक संदेश

Spread the love

श्रीमान माधव गोविंद उपाख्य बाबूरावजी वैद्य के शरीर छोड़ने से हम सब संघ के कार्यकर्ताओं ने अपना एक वरिष्ठ छायाछत्र खो दिया है. संस्कृत के प्रगाढ़ विद्वान, उत्तम पत्रकार, विधान परिषद के सक्रिय सदस्य, उत्कृष्ट साहित्यिक, ऐसी सारी बहुमुखी प्रतिभा के धनी, बाबूराव जी ने यह सारी गुणसंपदा संघ में समर्पित कर रखी थी. वे संघ कार्य विकास के सक्रीय साक्षी रहे. उनका जीवन व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक तथा आजीविका इन चतुर्विध आयामों में संघ संस्कारों की अभिव्यक्ति करने वाला संघानुलक्षी, संपन्न व सुंदर गृहस्थ जीवन था. सरल भाषा में तर्कशुद्ध रीति से व अनुभूतिमूलक विवेचन से संघ को अपनी वाणी और लेखनी द्वारा वे जगत में सर्वत्र प्रस्तुत करते रहे. फलस्वरूप उनकी अगली पीढ़ी भी इसी प्रकार से जीवन जीते हुए देश हित के लिए कार्यरत है तथा उनके दो सुपुत्र श्री मनमोहन जी व श्री राम जी संघ के वरिष्ठ प्रचारक हैं.

ऐसे उदाहरणस्वरूप वरिष्ठ जीवन का चर्मचक्षुओं से ओझल होना पीछे एक रिक्तता छोड़ जाता ही है. श्री वैद्य जी का पूरा परिवार आज एक विस्तृत छत्रछाया का अभाव अनुभव कर रहा है. हम सबका तथा उनका सांत्वन करना कठिन है. समय ही उसका उपाय है. बाबूराव जी का जीवन हम सबको हर अवस्था में अपने कर्तव्य पालन का कार्य अविचल और अडिग रीति से करना सिखा रहा है. उनके जीवन की इस सीख को आचरण में लाते हुए इस दुर्धर प्रसंग का सामना करने का धैर्य हम सबको तथा वैद्य परिवार को प्राप्त हो व दिवंगत जीव को उनके जीवन तपस्या के अधिकारानुरुप शांति व उत्तम गति मिले, यही प्रार्थना.

मोहन भागवत

सरसंघचालक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

सुरेश (भय्या) जोशी

सरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *