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आमागढ़ में धर्म ध्वजा खंडित करना हिन्दू समाज को तोड़ने का षड्यन्त्र

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जयपुर. विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत अध्यक्ष प्यारेलाल मीणा ने आमागढ़ की घटना को हिन्दू समाज को तोड़ने का षड्यन्त्र बताया. उन्होंने कहा कि 4 जून, 2021 को मीणा समाज के शौर्य स्थल आमा माता परिसर में स्थित शिव पंचायत को समाजकंटकों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से खंडित किया गया, जिसकी 5 जून को थाना ट्रांसपोर्ट नगर पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गई. प्रशासन से अनेक बार आग्रह करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. खंडित हुई प्रतिमाओं की पुनः प्राण प्रतिष्ठा विधि-विधानपूर्वक 13 जून, 2021 को धर्म प्रेमी स्थानीय समाज द्वारा की गई.

घटना के उपरान्त आराध्य देवी पूज्य आमा माता मंदिर परिसर (आमागढ़ किला) स्थित धर्म ध्वजा को अपमानपूर्वक षड्यंत्रकारियों द्वारा खंडित किया गया. स्थानीय विधायक रफीक खान के इशारे पर बकरा ईद के दिन धर्मध्वजा को खंडित करने के घृणित कार्य को अंजाम दिया गया. इस दुःखद घटना का दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह भी है कि कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा की उपस्थिति में यह अपराध घटित हुआ.

आदिकाल से केसरिया ध्वज वीरता व शौर्य का प्रतीक है एवं राष्ट्र जीवन के हजारों वर्षों से तेजस्वी इतिहास का परिचायक है, जिसका आधार लेकर हमारे पराक्रमी पूर्वजों ने भारत के गौरव को बढ़ाने वाले स्वर्णिम आलेख अंकित किये है. यह समूचे समाज का निर्विवाद श्रद्धा का केन्द्र है एवं परम वंदनीय है.

पुरातन काल से मीणा समाज राष्ट्र संस्कृति के लिये बलिदानी एवं धर्म-परायण रहा है. हम संपूर्ण समाज की एकता में विश्वास करते हैं तथा उसी के लिए कटिबद्ध हैं. किंतु कुछ राजनेता अपने तुच्छ राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपने सामाजिक एकात्मता के ताने-बाने को नष्ट करने के लिए विधर्मियों से मिलने का निंदनीय कृत्य करने में भी संकोच नहीं करते.

विश्व हिन्दू परिषद हिंदू समाज के सभी घटकों से अपेक्षा करता है कि वह एकजुटता के साथ ऐसे संवेदनशील प्रसंगों पर सजग रहकर विधर्मियों एवं समाजद्रोहियों के षडयंत्रों को विफल करें तथा समाज के एकात्मस्वरूप की हरसंभव सुरक्षा करें.

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