अयोध्या धाम.
पावन शारदीय नवरात्र के प्रथम दिवस पर, श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर की प्रथम शिला का विधि-विधान से पूजन और प्रस्थापन किया गया. शिखर के निर्माण का कार्य अगले चार महीने में पूरा होगा. वैदिक आचार्यों ने शिखर की पहली शिला का विधि विधान पूर्वक पूजन किया. शिखर पर 44 फीट ऊंचा धर्मध्वज भी लगाया जाएगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि शिखर में लगने वाले पहले पत्थर का पूजन किया गया. बहुत ही बारीकी से मंदिर की पूर्णता का काम अवधि के हिसाब से हो जाएगा. मंदिर के शिखर निर्माण का काम दिसंबर तक हो सकता है, लेकिन 30 से 35 दिन का रोलिंग टाइम माना जा रहा है. मंदिर निर्माण में पत्थरों पर काम करने वाले कारीगर राजस्थान या फिर गुजरात के हैं और परकोटे के 6 मंदिर, सप्त ऋषियों के मंदिर का काम भी निरंतर चल रहा है. शेषावतार मंदिर की नींव का कार्य भी शुरू कर दिया है.
जिस अस्थायी मंदिर में भगवान रामलला तंबू से लाकर विराजित कराए गए थे. उस मंदिर की रक्षा करने का निर्णय हो गया है. वहां पर आज हनुमान जी की प्रतिमा विराजित है. स्थान पर जागृति बनी रहे, पूजन होता रहे इसकी व्यवस्था की जाएगी.
राम दरबार की मूर्तियों का निर्माण प्रारंभ
राम दरबार की मूर्तियों के निर्माण का काम भी शुरू हो गया है. राजस्थान के मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय ने विधि-विधान पूर्वक शिलाओं की पूजा-अर्चना के बाद मूर्ति निर्माण का काम प्रारंभ किया. संगमरमर पर राम दरबार की मूर्तियां बनेंगी. तीन माह में मूर्तियां बनकर तैयार हो जाएंगी. जनवरी माह में राम दरबार अयोध्या पहुंच जाएगा.
श्रद्धालुओं को अभी नंगे पैर लंबी दूरी तय करना पड़ती है. मंदिर के दक्षिणी-पूर्वी कोने के पास काफी स्थान उपलब्ध है. वहां पर 10 से 15 हजार लोगों के जूता-चप्पल रखने की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी. 12 से 13 घंटे में एक लाख लोग सुविधा प्राप्त कर सकेंगे. परकोटे के बाहर जूता-चप्पल उतारने की व्यवस्था की जाएगी. नंगे पैर परिसर में चलने की दूरी काफी कम हो जाएगी. जहां जूते उतारे जाएंगे, वहां हाथ धोने की व्यवस्था भी होगी.