मुंबई. देश में पिछले साल से शुरू हुई कोरोना महामारी से हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स सीधे जूझ रहे हैं. कोरोना संक्रमितों का उपचार व अन्य कार्य करते हुए कोरोना जैसे भयावह संक्रमण से अपने आप को बचाने के लिए सभी कोरोना योद्धाओं को घंटों पीपीई किट में रहना पड़ता है. किट में वेंटिलेशन का कोई प्रावधान न होने की वजह से अत्यधिक परेशानी होती है. ज्यादा देर तक पीपीई किट पहनने के बाद अत्यधिक पसीना निकलने से शरीर में पानी कम होने के अलावा फंगल इन्फेक्शन्स जैसी समस्या का सामना भी करना पड़ता है.
लेकिन, अब इन सब समस्याओं का हल निकाल लिया गया है. एक स्टार्टअप द्वारा पीपीई किट के लिए विकसित किफायती वेंटिलेशन सिस्टम से पीपीई किट पहनने वाले कोरोना वारियर्स को पसीने से जल्द छुटकारा मिलने वाला है.
इसके लिए परंपरागत पीपीई किट में थोड़े बदलाव के साथ यह वेंटिलेशन सिस्टम लगाया गया है. मुम्बई के इंजीनियरिंग के विद्यार्थी निहाल सिंह आदर्श के स्टार्टअप ने इस टेक्नॉलाजी का विकास किया है. जिसे कोव-टैक वेंटिलेशन सिस्टम कहा जाता है. ये तकनीक पीपीई सूट पहनने वाले किसी भी व्यक्ति को अच्छी तरह हवादार रखता है, जिससे न केवल शारीरिक परेशानी, बल्कि शरीर में संभावित फंगल रोगों को भी रोका जा सकता है.
निहाल सिंह आदर्श ने राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास बोर्ड (एन.एस.टी.ई.डी.बी) द्वारा समर्थित रिसर्च इनोवेशन इनक्यूबेशन डिज़ाइन लेबोरेटरी (RIIDL) में ‘कोव-टेक वेंटिलेशन सिस्टम’ तकनीक विकसित की है. इससे पीपीई किट के इस्तेमालकर्ता को केवल 100 सैकेंड के बाद ताजा हवा मिलने लगती है. ये एक बेहद छोटा और किफायती वेंटिलेशन सिस्टम है.
निहाल सिंह आदर्श का प्रोटोटाईप का यह इनोवेशन फ्रंटलाइन वर्कर्स को थोड़ी राहत की सांस देने में ज़रूर सक्षम होगा.