उदयपुर. उदयपुर के संत समाज ने कहा कि धर्म-संस्कृति को बचाने के लिए डी-लिस्टिंग आवश्यक है. इसके लिए सर्वसमाज को एकजुट होना होगा और जनजाति बंधुओं के हित की मांग को सरकार तक पहुंचाकर यह कार्य करवाकर ही दम लेना होगा.
जनजाति सुरक्षा मंच राजस्थान के आह्वान पर उदयपुर में 18 जून को होने वाली डी-लिस्टिंग हुंकार रैली की तैयारियों के तहत सोमवार को संत समाज की बैठक संपन्न हुई, जिसमें संत-महंतों ने डी-लिस्टिंग को लेकर विचार व्यक्त किए.
संत समाज उदयपुर के अध्यक्ष चतुर्भुज हनुमान मंदिर हरिदास जी की मगरी के महंत इंद्रदेव दास जी ने कहा कि धर्म-संस्कृति को बचाने के लिए डी-लिस्टिंग का होना आवश्यक है. इसी तरह, मेलड़ी माता मंदिर के महंत वीरमदेव ने कहा कि यदि सभी साधु संत एकजुट होकर मिलकर यह प्रयास करेंगे तो सरकार को डी-लिस्टिंग के लिए संविधान में संशोधन करना ही पड़ेगा.
बैठक में वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय नगरीय सम्पर्क प्रमुख भगवान सहाय ने डी-लिस्टिंग हुंकार महारैली के बारे में बताया. डी-लिस्टिंग महारैली जनजाति समाज के हक और उनकी संस्कृति को बचाने के लिए आहूत की जा रही है. महारैली के माध्यम से यह मांग उठाई जाएगी कि जनजाति समाज के जिस व्यक्ति ने अपना धर्म बदल लिया है, उसे एसटी के नाते प्रदत्त सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए. जब अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए संविधान में यह नियम लागू है तो अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के लिए भी यह प्रावधान संविधान में जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि धर्म बदलने वाले चतुराई से दोहरा लाभ उठा रहे हैं, जबकि मूल आदिवासी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है.
महारैली में पूरे राजस्थान से जनजाति समाज के लोग अपनी पारम्परिक वेशभूषा एवं वाद्ययंत्रों के साथ एकत्र होंगे और धर्म बदलने वालों से एसटी का स्टेटस हटाए जाने की मांग उठाएंगे. महारैली को लेकर उदयपुर संभाग के जनजाति बहुल कोटड़ा, सराड़ा, डूंगरपुर, बांसवाड़ा सहित राजस्थान के अन्य क्षेत्रों में जागरण-सम्पर्क अभियान चल रहा है.
बैठक के आरंभ में हुंकार रैली आयोजन समिति के सदस्य हेमेन्द्र श्रीमाली ने संतों का स्वागत किया. बैठक में रामद्वारा धोली बावड़ी के महंत दयाराम, मीठाराम मंदिर राव जी का हाटा के महंत राम चंद्र दास, पानेरियों की मादडी आश्रम के रामगिरी जी, पंचमुखी बालाजी मंदिर राव जी का हाटा के महंत हर्षिता दास, अखिल भारतीय कल्लाजी संप्रदाय के कल्याण धाम राष्ट्रीय प्रवक्ता महंत अशोक परिहार, सर्वेश्वर आश्रम सवीना के महंत राधिका शरण, भिखारीनाथ जी के मठ से प्रतिनिधि टमू नाथ, चंपानाथ, काली कल्याण धाम सम्राटनगर के महन्त नारायणदास वैष्णव आदि उपस्थित थे.