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दिल्ली हिंसा – पहले हिंसा का शिकार हुए, अब पलायन को मजबूर हिन्दू परिवार

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नई दिल्ली. फरवरी माह में दिल्ली में हुई हिंसा (Delhi Violence) के मामले में जांच चल रही है. लेकिन क्षेत्र में रहने वाले कई लोग अपना आशियाना छोड़कर दूसरी जगहों पर जाने के लिए मजबूर हैं. हिन्दू परिवार दंगाग्रस्त इलाकों से पलायन के लिए मजबूर हैं, क्योंकि हिंसा के 4 महीने बीत जाने के बाद भी वह अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

दंगों में पकड़े गए कुछ परिवार हिन्दू समुदाय के भी हैं. इन परिवारों का कहना है कि वह दहशत में जी रहे हैं. आए दिन उन्हें धमकियां मिलती हैं, डराया जाता है. जिससे उनका जीना मुश्किल हो गया है. यही कारण है कि लोगों ने अपने घरों के बाहर यह मकान बिकाऊ है का पोस्टर चिपका दिया है. हाल यह है कि लोग पुलिस में शिकायत करने से भी डर रहे हैं और खुलकर बात भी नहीं करना चाहते.

24 फरवरी को जिस तरीके से वहां दंगे हुए इससे कई लोगों को संपत्ति का नुकसान उठाना पड़ा. कई लोगों की जान भी गई. मोहनपुरी, मधुबन मोहल्ला, मौजपुर जैसे क्षेत्रों में लोग डर-डर कर जी रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार क्षेत्र में 15 से 16 परिवार रहते थे, जिनको आरोप में जेल भेजा गया था. ये लोग दंगे के वक्त क्षेत्र में नहीं थे. अपने घरों में थे या बहुत से लोग खुद पुलिस की मदद कर रहे थे. अब यह परिवार पलायन करने को मजबूर हैं.

डर के साथ आर्थिक तंगी भी

मोहल्ले में रहने वाले एक परिवार ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि उनका बेटा जेल में डाल दिया गया, जिसका कोई कसूर नहीं था. बल्कि वह पुलिस की मदद ही कर रहा था. अब हालत यह है कि आसपास के लोग उनके परिवार को धमकियां दे रहे हैं और कहते हैं कि उन्हें यहां नहीं रहने दिया जाएगा. साथ ही इन परिवारों को आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ रहा है. रिश्तेदारों से पैसे मांग कर गुजारा करना पड़ रहा है, इसीलिए घर के बाहर पोस्टर लगा दिए गए हैं कि यह मकान बिकाऊ है.

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी ट्वीट कर जानकारी दी कि यह मामला अभी उनके संज्ञान में आया था, जो बेहद गंभीर है. उन्होंने दंगा पीड़ित क्षेत्रों का दौरा किया. लोगों से मुलाकात की. उनका हालचाल जाना. उन्हें भरोसा दिलाया कि निर्दोषों को कुछ नहीं होगा. किसी भी परिवार को डरने की जरूरत नहीं है. पलायन के लिए भी मजबूर होने की जरूरत नहीं है.

विश्व हिन्दू परिषद ने भी कहा कि इन लोगों को डरने की कोई जरूरत नहीं है और न ही पलायन करने की जरूरत. उनके परिवार की सुरक्षा का प्रबंध भी किया जाएगा और बेकसूर लोगों को जल्द छुड़ाया जाएगा. मामला न्यायालय में है. न्याय पर विश्वास रखें.

इनपुट – मीडिया रिपोर्ट्स

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